टुडे गुजराती न्यूज (ऑनलाइन डेस्क)
कहीं चलते-फिरते झींक आते ही अचानक मौत तो कहीं नाचते-गाते चली जा रही जान। कभी अभिनय करते कलाकारों की अचानक हो रही मौत तो कभी जिम में वर्कआउट करते या खेल के मैदान में खेलते-खेलते मौत हो जा रही। सोशल मीडिया के जमाने में इस तरह की घटनाओं के लगातार वीडियो सामने आ रहे हैं। आखिर अचानक क्यों बढ़ रही हैं कार्डिएक अरेस्ट की घटनाएं? कहीं इसका कोरोना से तो कोई रिश्ता नहीं? लोगों के मन में ऐसे तमाम सवाल उठ रहे हैं और इसे लेकर तरह-तरह की अफवाहें भी फैल रही हैं। अब इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने इन सवालों के जवाब ढूंढने के लिए स्टडी शुरू की है।
अपनाया जाएगा वर्बल ऑटोप्सी तरीका
आईसीएमआर ने कार्डिएक अरेस्ट की अचानक बढ़ती घटनाओं का कारण जानने और क्या इसमें कोरोना की किसी तरह की भूमिका है, का पता लगाने के लिए स्टडी शुरू कर दी है। एक्सपर्ट देशभर में अचानक हो रहीं मौतों के मामले की पड़ताल करने में जुट गए हैं। इसके लिए वर्बल ऑटोप्सी का तरीका अपनाया जा रहा है। इसमें इस तरह की जानकारियां जुटाई जाती हैं कि जिस शख्स की कार्डिएक अरेस्ट से मौत हुई उसमें क्या लक्षण दिखे थे, किन परिस्थितियों में मौत हुईं, उन्हें पहले से कोई दिक्कत तो नहीं थी आदि।
टॉप कार्डियोलॉजिस्ट और फरेंसिक स्पेशलिस्ट जांच में जुटे
सूत्रों ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि आईसीएमआर ने इस स्टडी में एम्स के कुछ टॉप कार्डियोलॉजिस्ट और फरेंसिक स्पेशलिस्ट्स को भी लगाया है। स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया, ‘अचानक हो रहीं मौतों की संभावित वजह क्या है, इसे लेकर तमाम तरह की झूठी सूचनाएं फैल रही हैं। कई लोग इसे कोरोना और उसकी वैक्सीन से भी जोड़ रहे हैं। इस स्टडी का उद्देश्य ऐसी घटनाओं के असल कारण की जांच करना है।’
वजहों को लेकर सोशल मीडिया पर तरह-तरह के अफवाह
हाल ही में सोशल मीडिया पर ऐसे कई वीडियो सामने आए जिनमें चलते-फिरते या नाचते-गाते या जिम में वर्कआउट करते लोग अचानक गिर जा रहे और उनकी मौत हो जा रही। खास बात ये कि इनमें ज्यादातर युवा हैं। एक कार्डियोलॉजिस्ट ने बताया, ‘मेरा सुझाव है कि लोगों को कार्डिएक अरेस्ट के लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, भले ही उनकी उम्र जितनी भी हो, फिटनेस जैसा भी हो। समय-समय पर स्वास्थ्य की जांच भी कराते रहना चाहिए।’
इस तरह मरने वालों में ज्यादातर युवा, इसलिए बढ़ी चिंता
एक्सपर्ट ने अब अचानक हो रहीं मौतों के मामले में पोस्टमार्टम का भी सुझाव दिया है। मरने वाला युवा हो और उसे दिल की बीमारी न रही हो तो ऐसे मामले में पोस्टमॉर्टम की सलाह दी गई है। एक एक्सपर्ट ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया, ‘इससे मौत की असल वजह का पता लगाने में मदद मिलेगी। और अगर पोस्टमार्टम में मौत की वजह दिल से जुड़ी बीमारी आई जिसका मृत व्यक्ति को पहले से पता न रहा हो तब उसके परिवार की भी जांच हो सकती है कि कहीं उन्हें भी तो दिल की कोई बीमारी नहीं है। दिल से जुड़ीं कुछ बीमारियां ऐसी हैं कि अगर परिवार में किसी को है तो बाकी सदस्यों में भी होने की आशंका बनी रहती है।’
हार्ट अटैक और कार्डिएक अरेस्ट में अंतर
हार्ट अटैक और कार्डिएक अरेस्ट में फर्क होता है। हार्ट अटैक तब होता है जब हृदय को जाने वाले खून की सप्लाई बाधित हो जाती है। अमेरिकन हार्ट असोसिएशन के मुताबिक, हार्ट अटैक एक ‘सर्कुलेशन’ प्रॉब्लम है। लेकिन दूसरी तरफ, कार्डिएक अरेस्ट एक ‘इलेक्ट्रिकल’ प्रॉब्लम है। कार्डिएक अरेस्ट हार्ट अटैक से ज्यादा घातक होती है क्योंकि इसमें अचानक हृदय की धड़कन बंद हो जाती हैं या फिर बहुत ज्यादा अनियमित हो जाती हैं।