सोशल मीडिया फेसबुक (Facebook) की पैरेंट कंपनी Meta के कर्मचारियों के लिए बुरी खबर है. मार्क जुकरबर्ग (Mark Zukerberg) की कंपनी का दावा है कि वहां काम कर रहे हजारों कर्मचारियों की इसी हफ्ते से छंटनी (Layoffs) शुरू हो जाएगी. इससे पहले एलन मस्क ने भी ट्विटर कंपनी में काम कर रहे कर्मचारियों की छंटनी शुरू कर दी है.
इसी बुधवार से शुरू होगी Meta में छंटनी
वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट के मुताबिक मेटा इसी बुधवार यानी 9 नवंबर से कंपनी में बड़े पैमाने पर छंटनी की प्रक्रिया शुरू करने जा रही है. रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि इस छंटनी का असर कंपनी के हजारों एंप्लाइज पर पड़ेगा. इतने बड़े पैमाने पर छंटनी का ये कदम Meta के इतिहास में पहली बार होगा. सितंबर के आखिर में कंपनी ने जानकारी दी थी कि मेटा में कुल 87,000 कर्मचारी काम करते हैं.
मेटा के शेयरों में इस साल भारी गिरावट
मेटा के शेयरों में इस साल भारी गिरावट देखी गई है और इसके शेयर कुल 73 फीसदी नीचे आ चुके हैं. साल 2016 के अपने निचले स्तर से ज्यादा गिरने के बाद इस कंपनी के शेयर अमेरिकी बाजारों के S&P 500 इंडेक्स के सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले शेयर बन चुके है. मेटा के शेयरों की वैल्यू में इस साल करीब 67 अरब डॉलर की कमी आई है जिससे कंपनी को बड़ा झटका लगा है.
हजारों कर्मचारियों की जाएगी नौकरी
हालांकि वॉल स्ट्रीट जर्नल के हवाले से बताया गया कि कंपनी ने उसके सवालों पर कुछ भी कहने से मना कर दिया है पर मामले की जानकारी से जुड़े लोगों का कहना है कि ये छंटनी बड़े पैमाने पर होगी और हजारों कर्मचारियों को उनकी नौकरी से निकालने की योजना बन गई है.
क्यों हुआ है मेटा में ये फैसला
मेटा को इस समय ग्लोबल इकोनॉमिक ग्रोथ की चिंताओं, टिकटॉक से बढ़ता कॉम्पीटीशन, एप्पल की प्राइवेसी नीति में बदलाव, मेटावर्स पर किए जा रहे विशाल खर्च और रेगुलेशन की चिंताओं से जूझना पड़ रहा है जिसका असर इसके कारोबार पर आ रहा है. इसी के चलते कंपनी के तिमाही नतीजों पर भी असर देखा गया है और अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में भी कमजोर नतीजे आने की आशंका जताई जा रही हैं.
मार्क जुकरबर्ग ने पहले ही दिया था छंटनी का संकेत
मेटा के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर मार्क जुकरबर्ग ने पहले ही बताया था कि उम्मीद है कि उन्हें मेटावर्स में किए गए निवेश का फल मिलने में एक दशक यानी करीब 10 सालों का समय लग सकता है. तब तक उन्हें हायरिंग रोकने, नए प्रोजेक्ट रोकने और लागत कम करने के लिए टीमों को पहचानने की जरूरत पड़ेगी.