भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने विश्व पर्यटन दिवस पर एक नई रिपोर्ट जारी की, जिसमें टॉप 10 ऐतिहासिक स्मारकों को जगह दी गई है, जिन्हें विदेशी पर्यटक देखना पसंद करते हैं। यहां हम आपको विदेशी पर्यटकों की 5 सबसे पसंदीदा पर्यटक स्थलों के बारे में बता रहे हैं।
मामल्लापुरम – Mamallapuram
मामल्लापुरम एक ऐतिहासिक शहर है, जो अपने रॉक कट मंदिर, गुफाओं, वास्तुकला और साहित्य के लिए प्रसिद्ध है। प्राचीन मंदिराें के इस शहर की खूबसूरती पूरी दुनिया में मशहूर है। मामल्लापुरम को महाबलीपुरम भी कहा जाता है। महाबलीपुरम साउथ चेन्नई के तट से 56 किमी की दूरी पर स्थित है। यह यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल है। 2022 में सबसे ज्यादा विदेशी पर्यटकों ने इस स्मारक को देखा है।
ताजमहल – Tajmahal
सफेद संगमरमर से बनी स्मारक दुनियाभर में प्रसिद्ध है। यह विदेशियों का दूसरा सबसे पसंदीदा पर्यटक स्थल है। ताजमहल को मुगल शासक शाहजहां ने अपनी पत्नी मुमताज महल की याद में बनवाया था। मकबरे का निर्माण 1630 में शुरू हुआ था, जो करीब 22 साल तक चला। पर्यटकों को इसकी नक्काशीदार छतें और दीवारें किसी आश्चर्य से कम नहीं लगती। यमुना नदी के किनारे बना ताजमहल न केवल भारत में बल्कि पूरे विश्व में अपनी अनूठी पहचान बना चुका है।
सलावनकुप्पम मंदिर – Saluvankuppam Temple
तमिलनाडु में स्थित सलावनकुप्पम मुरुगन मंदिर को पृथ्वी के सबसे पुराने मुरुगन मंदिर में से एक माना जाता है। यह गुफा मंदिर लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र है। इन गुफाओं में भगवान विष्णु की मूर्ति स्थापित है। यूनेस्को ने इस विरासत को अपनी लिस्ट में शामिल किया है। साल 2022 में कई विदेशी पर्यटक इस जगह पर घूमने आए हैं।
आगरा का किला – Agra फोर्ट
आगरा शहर में लाल पत्थरों से बना आकर्षक किला सौन्दर्य का प्रतीक है। किला यमुना नदी के तट पर स्थित है और सबसे राजसी जगह में से एक है। इस किले को मुगल सम्राट अखबर ने बनवाया था और यह कभी मुगलों का निवास स्थान हुआ करता था। यूनेस्को ने इसे भी अपनी विश्व विरासत स्थलों में शामिल किया है।
थिरुमयम किला – Thirumayam Temple
थिरुमयम किला तमिलनाडु के पुडुकोट्टई जिले के थिरुमयम शहर में स्थित है। यह 40 एकड़ भूमि पर फैला हुआ है। 1687 में रामनाथ के राजा विजय रघुनाथ सेतुपति द्वारा इसका निर्माण कराया गया था। यह किला ऐतिहासिक महत्व और भव्य वास्तुकला के लिए दुनिया भर में मशहूर है। बताया जाता है कि किले के निर्माण के लिए ईटों के साथ-साथ पत्थरों के छोटे-छोटे ब्लॉक का उपयोग किया गया था। यह किला कभी पॉलीगुर युद्ध में विद्रोही सरदारों का महत्वपूर्ण गढ़ रहा है।