टुडे गुजराती न्यूज (ऑनलाइन डेस्क)
चीन में डेढ़ साल बाद नए वेरिएंट के साथ कोरोना वायरस की फिर वापसी हुई है. ओमिक्रॉन के सब-वेरिएंट BF.7 सबसे अधिक कहर बरपा रही है. एयरफिनिटी के एक रिसर्च के हवाले से ब्लूमबर्ग में दावा किया गया है कि कोरोना के नए वेरिएंट की वजह से चीन में रोजाना 5000 से ज्यादा लोगों की मौत हो रही है.
चीन में कोरोना कहर को देखते हुए WHO ने कहा है कि अभी कोरोना खत्म होने की कोई संभावनाएं नहीं है. भारत समेत कई देशों ने भी ऐलान किया है कि कोरोना अभी खत्म नहीं हुआ है. लोग कोरोना नियमों का पालन करें.
ऐसे में दुनिया भर में सवाल उठने लगा है कि कोरोना कब तक रहेगा और इसके अभी कितने वेरिएंट आने बाकी है? आइए इसे विस्तार से जानते हैं…
कब तक कोरोना रहेगा?
इसका अभी तक कोई डेडलाइन सामने नहीं आया है. सितंबर में WHO चीफ ने कहा था कि कोरोना अभी फिनिशिंग लाइन के करीब पहुंच गया है. उन्होंने मौत के घटते आंकड़ों को लेकर भी बयान दिया था.
इधर, WHO चीफ के बयान के 2 महीने बाद ही लैटिन अमेरिका और चीन में कोरोना का कहर शुरू हो गया है. कई यूरोपीय देश भी इसकी चपेट में आ गया है.
कैसे होता है कोरोना का नामकरण?
कोरोना एक RNA वायरस है. वायरस समय-समय पर वेरिएंट बदलते रहता है. इसी वेरिएंट को पहचानने के लिए नामकरण की जरूरत होती है. मार्च 2020 से लेकर जून 2021 तक जिस देश में कोरोना के वैरिएंट मिलते थे, उसी देश के नाम से जाना जाता था.
जून 2021 में भारत में डेल्टा वेरिएंट आने के बाद नामाकरण को लेकर बवाल शुरू हो गया. इसके बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने ग्रीक भाषा के अक्षरों का इस्तेमाल किया.
अब तक कितने वेरिएंट?
दुनियाभर में कोरोना वायरस के अब तक 15 वेरिएंट सामने आ चुके हैं, लेकिन 5 वेरिएंट सबसे खतरनाक साबित हुए हैं. कोरोना की उत्पति चीन के वुहान शहर में हुई थी.
1. अल्फा वेरिएंट- यह वेरिएंट सितंबर 2020 में पहली बार ब्रिटेन में मिला था. इसका वैज्ञानिक नाम B.1.1.7 रखा गया था. अल्फा वेरिएंट में 23 म्यूटेशन देखने को मिले थे और इसने अमेरिका समेत यूरोप के कई देशों में भयंकर तबाही मचाई थी.
2. बीटा वेरिएंट- कोरोना की पहली लहर के दौरान मई 2020 में दक्षिण अफ्रीका में बीटा वेरिएंट सामने आया था. इसका वैज्ञानिक नाम B.1.351 रखा गया था. कोरोना वैक्सीनेशन के बावजूद इस वेरिएंट से लोग संक्रमित हो चुके हैं.
3. गामा वेरिएंट- अमेरिका के बाद कोरोना ने सबसे ज्यादा कहर ब्राजील में बरपाई थी. नवंबर 2020 में यहां कोरोना का गामा वेरिएंट सामने आया था. इस वेरिएंट के दो स्ट्रेन E484K और N501Y को काफी खतरनाक माना गया.
4. डेल्टा वेरिएंट- कोरोना का यह वेरिएंट अक्टूबर 2020 में भारत में मिला था. इस वेरिएंट की वजह से भारत में लाखों लोगों की मौत हुई. पहले इस वेरिएंट को भारतीय वेरिएंट कहा जा रहा था, लेकिन भारत सरकार के विरोध के बाद इसका नाम डेल्टा किया गया.
5. ओमिक्रॉन वेरिएंट- दुनिया में कोरोना की दूसरी लहर लगभग थम चुकी थी. इसी बीच कई देशों में ओमिक्रॉन वेरिएंट मिल गया. इस वेरिएंट की वजह से कई जगहों पर कोरोना की तीसरी लहर सामने आई.
ओमिक्रॉन का सब-वेरिएंट कर रहा खेल
कोरोना वायरस के कई वेरिएंट अब पूरी तरह शांत हो चुका है, लेकिन ओमिक्रॉन का खेल अब भी जारी है. ओमिक्रॉन के कई वेरिएंट अब भी सामने आ रहे हैं, जो कोरोना की रफ्तार बढ़ाने के लिए काफी है.
चीन में जो कोरोना वायरस तबाही मचा रहा है, वो ओमिक्रॉन का ही सब-वेरिएंट BF.7 है.
ओमिक्रॉन के कितने सब वेरिएंट?
कोरोना के दो मुख्य सब वेरिएंट है. पहला, BA.1 और दूसरा BA.2. दुनिया में BA.2 के अब तक चार सबवेरिएंट मिल चुके हैं. पहला, BA.2.75 दूसरा BJ.1 तीसरा BA.4 और चौथा BA.5. BA.5 से ही म्यूटेशन के बाद BF.7 वेरिएंट सामने आया है.
अभी और कितने वेरिएंट आने बाकी?
चीन ने पिछले दिनों एक बयान में बताया कि देश में कोरोना के अभी 130 वेरिएंट को चिह्नित किया गया है. सभी वेरिएंट के बारे में जानकारी इकट्ठा की जा रही है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि अधिकांश वेरिएंट BA.5 और BF.7 से ही म्यूटेशन कर बन रहा है.
चीन के वायरल रोग नियंत्रण और रोकथाम विभाग के प्रमुख जू वेनबो ने कहा कि संक्रमण के प्रसार की वजह से कई और वेरिएंट सामने आएंगे. हम तेजी से जीनोम सीक्वेंसिंग की मॉनिटरिंग कर रहे हैं.
(Photo- PTI)
भारत में मिला CH.1.1 सब-वेरिएंट
रिपोर्ट के मुताबिक भारत के पुणे शहर में ओमिक्रॉन का एक सब-वेरिएंट CH.1.1 इसी महीने 10 तारीख को मिला है. यह डेल्टा म्यूटेशन के साथ मिला है. इस सब-वेरिएंट को काफी खतरनाक माना जा रहा है.
एक्सपर्ट्स के मुताबिक यह सब-वेरिएंट काफी खतरनाक है, लेकिन भारत में वैक्सीनेशन होने की वजह से यहां ज्यादा तांडव नहीं मचा पाएगा.
नए वेरिएंट को लेकर क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
क्लिनिकल साइंटिस्ट गगनदीप कांग ने ट्विटर पर बताया कि अभी दुनिया में जितने भी वेरिएंट है, उसका व्यवहार कुछ अलग नहीं है. चीन अगर रियल टाइम डेटा शेयर करता है, तो दुनिया को नए वेरिएंट के बारे में तुरंत जानकारी मिल जाएगी, जिसके खतरा टलेगा. भारत को नए वेरिएंट पर ध्यान देना होगा. अभी चीन में जो वेरिएंट है, वो ज्यादा खतरनाक नहीं है.