टुडे गुजराती न्यूज (ऑनलाइन डेस्क)
डायबिटीज़ भारत के साथ दुनियाभर में एक आम बीमारी बनती जा रही है। डायबिटीज़ की वजह से शरीर के बाकी अंगों पर भी असर पड़ने लगता है। यही वजह है कि इसे ‘साइलेंट किलर’ कहा जाता है। डायबिटीज़ ज़िंदगीभर चलने वाला विकार है, जो किसी को किसी भी उम्र में हो सकता है। जिन लोगों को डायबिटीज़ होती है, वे ज़िंदगीभर हाई ब्लड शुगर के स्तर से जूझते हैं। जिसके लिए उन्हें कई सारी दवाओं का सहारा लेना पड़ता है।
डायबिटीज़ तीन तरह की होती हैं- टाइप-1, टाइप-2 और जेस्टेशनल डायबिटीज़। डायबिटीज़ से जो लोग पीड़ित होते हैं, उनके दिल में एक ही सवाल घूमता है, कि क्या इससे ठीक हुआ जा सकता है। क्या लाइफस्टाइल में बदलाव कर हमें डायबिटीज़ से छुटकारा मिल सकता है?
क्या डायबिटीज़ का इलाज है?
जो भी शख्स डायबिटीज़ से पीड़ित हो जाता है, उसकी सिर्फ एक ही चिंता होती है कि यह बीमारी किसी तरह ठीक हो जाए। दुर्भाग्य से, अभी तक डायबिटीज़ का कोई इलाज नहीं है। आप दवाइयों, लाइफस्टाइल में बदलाव और डाइट की मदद से ब्लड शुगर के स्तर को कंट्रोल में रख सकते हैं। साथ ही हर हफ्ते ब्लड शुगर का स्तर चेक करवाएं, ताकि आपके डॉक्टर उसी हिसाब से इलाज कर सकें।
क्या लाइफस्टाइल में बदलाव डायबिटीज़ से छुटकारा दिला सकते हैं?
एक बार डायबिटीज़ हो जाए, तो यह फिर ठीक नहीं होती। हालांकि, आप अपनी लाइफस्टाइल में कई बदलाव कर इसके लक्षणों से आराम पा सकते हैं। तो आइए जानें कि लाइफस्टाइल में किस तरह के बदलाव करने होते हैं:
एक शेड्यूल बनाएं और उस पर अमल करें
देर रात तक न जगे रहें और समय पर सोने की कोशिश करें
ब्रेकफास्ट प्रोटीन से भरपूर बनाएं
हर खाने के बाद 10 मिनट की वॉक पर जाएं
रिफाइन्ड चीनी डाइट से पूरी तरह निकाल दें
ऐसे प्रोडक्ट्स का सेवन भी न करें, जो शुगर-फ्री होने का दावा करते हैं
विटामिन-डी का महत्व काफी बड़ा है, इसलिए अपने डॉक्टर से सलाह कर इसका सेवन रोज़ किया जाना चाहिए।
रोज़ाना वर्कआउट करें। फिर चाहे योग हो, पिलाटेस, ब्रिस्क वॉकिंग या कार्डियो।
आखिर में जो सबसे अहम भी है, अपनी डाइट में ज़रूरी बदलाव करें। फिज़ूल के कार्ब्स, जंक फूड, चीनी से दूरी बनाएं और डाइट को स्वस्थ रखें।
डायबिटीज़ के लक्षण
हर थोड़ी देर में पेशाब आना
बहुत ज़्यादा प्यास लगना
बिना कोशिश किए वज़न का कम हो जाना
खाना खाने के कुछ ही देर में तेज़ भूख लग आना
आंखों की रोशनी का धंधला पड़ना
पैरों और हाथों पर झुनझुनी महसूस होना
थकावट
रूखी त्वचा होना
घाव या संक्रमण जिन्हें ठीक होने में लंबा समय लगे
जो लोग टाइप-1 डायबिटीज़ से पीड़ित होते हैं, वे मतली, उल्टी या फिर पेट दर्द की समस्या का भी अनुभव करते हैं।