टुडे गुजराती न्यूज (ऑनलाइन डेस्क)
गुजरात विधानसभा के सभी 182 विधानसभा सीटों पर मतगणना चल रही है. कई सीटों का परिणाम भी आ चुका है. रुझानों में बीजेपी को बंपर जीत मिल रही है. बीजेपी गुजरात में 150 का आंकड़ा पार करती दिख रही है. जबकि कांग्रेस 20 से भी कम सीटों पर सिमटती नजर आ रही है. आम आदमी पार्टी को भी गुजरात में कोई खास सफलता नहीं मिली है. इन सबके के बीच असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) की एआईएमआईएम की स्थिति और भी बुरी है.
गुजरात में अब तक के रुझानों में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन पार्टी का खाता खुलता नहीं दिख रहा है. यहां तक कि एआईएमआईएम को केवल 0.33 प्रतिशत वोट मिले हैं जोकि नोटा से भी कम हैं. एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने गुजरात में बड़े पैमाने पर चुनाव प्रचार किया था. उन्होंने स्लॉटर हाउस का मुद्दा जोर-शोर से उठाया था, लेकिन उसका कोई खास असर नहीं दिख रहा है.
असदुद्दीन ओवैसी ने खुद को मुस्लिम हितैषी बताते हुए वोट मांगे थे, लेकिन उनका उम्मीदवार गुजरात की मुस्लिम बहुल जमालपुर-खड़िया सीट पर भी तीसरे नंबर पर चल रहा है. यहां से मौजूदा कांग्रेस विधायक इमरान खेड़ावाला सबसे आगे हैं जबकि बीजेपी उम्मीदवार भूषण भट्ट दूसरे नंबर पर हैं. वहीं एआईएमआईएम के उम्मीदवार साबिर काबलीवाला तीसरे स्थान पर चल रहे हैं. साबिर काबलीवाला ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं और उन्हें अभी तक केवल 12 प्रतिशत वोट मिले हैं.
जमालपुर-खड़िया में कुल 2.31 लाख मतदाताओं में से 60 प्रतिशत या 1,35,000 मुस्लिम समुदाय के मतदाता हैं. ये वो सीट भी है जहां सभी की निगाहें इस बात पर टिकी थीं कि क्या एआईएमआईएम वोटों को विभाजित करके कांग्रेस उम्मीदवार की संभावनाओं को प्रभावित कर सकती है, जो कि मुस्लिम समुदाय से आते हैं. हालांकि, एआईएमआईएम यहां पर कोई चमत्कार नहीं कर पाई है.
नोटा से भी पीछे एआईएमआईएम
गुजरात में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन पार्टी (AIMIM) की फजीहत का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि नोटा को भी एआईएमआईएम से ज्यादा वोट मिले हैं. अब तक के रुझानों में नोटा को गुजरात में 1.60 प्रतिशत वोट मिल चुके हैं जबकि एआईएमआईएम केवल 0.33 प्रतिशत वोट हासिल कर पाई है. बहरहाल अब देखना होगा सभी सीटों के नतीजे आने पर एआईएमआईएम का प्रदर्शन कैसा रहता है. फिलहाल तो गुजरात की जनता ने असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) को नकार दिया है.