टुडे गुजराती न्यूज (ऑनलाइन डेस्क)
चुनाव आयोग ने घर से दूर रहने वाले मतदाता के लिए रिमोट वोटिंग सिस्टम (RVM) तैयार कर लिया है। EC ने गुरुवार को इसकी घोषणा की। रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन यानी RVM की मदद से अब घर से दूर, किसी दूसरे शहर और राज्य में रहने वाला वोटर विधानसभा/लोकसभा चुनाव में वोट डाल सकेगा। यानी वोटिंग के लिए उसे अपने घर नहीं आना पड़ेगा। आयोग 16 जनवरी को सभी राजनीतिक दलों को इस RVM का लाइव डेमोन्स्ट्रेशन देगा।किन लोगों के लिए आयोग ने ये व्यवस्था बनाई है? जहां भी हैं, वहीं से वोट डाल सकेंगे?
RVM का इस्तेमाल दूसरे राज्यों में नौकरी कर रहे लोग, प्रवासी मजदूर कर सकेंगे। इसका मतलब यह नहीं होगा कि वे घर बैठे वोट डाल सकेंगे। आयोग की इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए वोटिंग के दिन रिमोट वोटिंग स्पॉट पर पहुंचना होगा। इसका मतलब घर से मतदान करना नहीं है। अनुमान के मुताबिक, देश में 45 करोड़ लोग ऐसे हैं, जो अपना घर और शहर छोड़कर दूसरे राज्यों में रह रहे हैं। इसका सेंट्रलाज्ड डेटा मौजूद नहीं है।
एक RVM बूथ से कितने निर्वाचन क्षेत्रों को कवर किया जा सकता है?
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा युवाओं और शहरी वोटर्स की वोट न डालने के रवैए पर रिसर्च की गई। वोटिंग में इनकी भागीदारी बढ़ाने के लिए RMV क्रांतिकारी बदलाव होगा। IIT मद्रास की मदद से बनाई गई मल्टी कॉन्स्टीटुएंसी रिमोट EVM एक रिमोट पोलिंग बूथ से 72 निर्वाचन क्षेत्रों को संभाल सकती है।
क्या चुनाव आयोग इसे तुरंत लागू करेगा?
नहीं, इसे लागू करने से पहले आने वाली कानूनी, प्रशासनिक और तकनीकी चुनौतियों पर राजनीतिक दलों के विचार भी मांगे गए हैं। एक बयान के अनुसार पोल पैनल ने रिमोट वोटिंग पर सिर्फ कॉन्सेप्ट नोट जारी किया है।
चुनाव आयोग का फोकस RVM पर क्यों है?
आयोग ने कहा कि 2019 के आम चुनाव में वोटर टर्नआउट 67.4% था। 30 करोड़ से ज्यादा वोटर्स ने मताधिकार का इस्तेमाल नहीं किया। चिंता की बात यही है। आयोग ने कहा, “वोटर नई जगह जाने पर कई वजहों के चलते वोटिंग रजिस्ट्रेशन नहीं करवाता और वोटिंग नहीं कर पाता। घरेलू प्रवासियों का वोटिंग करने में असमर्थ होना चिंताजनक था। इसलिए RVM का प्लान बनाया गया।”
तो यह RVM सिस्टम कब लागू होगा? क्या अगले साल 9 राज्यों में चुनाव से पहले?
आयोग ने 16 जनवरी को सभी राजनीतिक दलों को बुलाया है। वह इस RVM सिस्टम को राजनीतिक दलों को दिखाएगा। इसके बाद उनसे सुझाव मांगेगा। इसके बाद इसे लागू करने की प्रक्रिया पर आगे बढ़ेगा। 2023 में जम्मू-कश्मीर के अलावा देश के 9 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं।
2024 में लोकसभा चुनाव भी होंगे। जिन राज्यों में चुनाव हैं उनमें त्रिपुरा, मेघालय, नगालैंड, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, मिजोरम, तेलंगाना और राजस्थान शामिल हैं। RVM सिस्टम का लागू होने डेमो, राजनीतिक दलों और चुनाव प्रक्रिया से जुड़े लोगों की राय पर निर्भर करता है।
RVM के लागू होने से पहले ही आने लगी प्रतिक्रियाएं…
RVM के फुल सिक्योर और फुलप्रूफ होने की पूरी गारंटी लेनी होगी- राजीव ललन
जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह ‘ललन’ ने कहा- “एडवांस टेक्नोलॉजी का विरोध मुनासिब नहीं है। लेकिन, इन्हीं टेक्नोलॉजी के सहारे ही तो कई तरह के फ्रॉड भी हो रहे हैं। साइबर क्राइम अभी का सबसे बड़ा सिरदर्द है। इससे बचने का सार्थक उपाय कहां ढूंढा जा सका है। यह लगातार बढ़ता ही जा रहा है। बड़े-बड़े लोगों, संस्थान या विभागों की साइटों को हैक कर लिया जा रहा है, उससे मन-मुताबिक छेड़छाड़ की जा रही है। यह सब इंटरनेट के जरिए या ऑनलाइन ही तो हो रहा है।”