टुडे गुजराती न्यूज (ऑनलाइन डेस्क)
2022-23 वित्त वर्ष खत्म होने में तीन महीने बचे हैं. अब 31 मार्च 2023 से पहले सभी लोगों को टैक्स बचाने के लिए ऐसी जगहों पर निवेश करना होगा जहां निवेश करने से ना केवल टैक्स की देनदारी कम किया जा सके बल्कि निवेश पर शानदार रिटर्न भी मिले.
टैक्स बचाने के लिए कहां करें निवेश
ऐसे में निवेशकों के सामने ये दुविधा रहती है कि वो कहां निवेश करें जहां लंबे समय तक पैसे लॉक भी ना हो और शानदार रिटर्न भी आ जाए. क्योंकि टैक्स बचाने के लिए निवेश करने की जितनी भी स्कीमें मौजूद हैं सभी में 3 साल से लेकर 15 साल तक का लॉक इन पीरियड हैं. आज हम तुलना करेंगे म्यूचुअल फंड की इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम और 5 साल वाले टैक्स सेविंग फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीम के बीच. इनकम टैक्स की धारा 80 सी के तहत दोनों टैक्स सेविंग इंस्ट्रूमेंट में आप 1.50 लाख रुपये सलाना निवेश कर टैक्स छूट हासिल कर सकते हैं. हालांकि आप चाहें तो इससे ज्यादा भी निवेश कर सकते हैं. लेकिन केवल 1.50 लाख रुपये के निवेश पर ही टैक्स छूट मिलेगा. आइए जानते हैं इनमें से दोनों ही निवेश पर कितना रिटर्न मिलता है.
ELSS ने दिया 2022 में बेहतरीन रिटर्न
सबसे पहले बात करते हैं ELSS फंड की तो 2022 में कुछ ऐसे ELSS फंड्स है जिन्होंने निवेशकों को शानदार रिटर्न दिया है. खासतौर से Quant Tax Plan Fund ने 2022 में 15.98 फीसदी का रिटर्न दिया है. HDFC TaxSaver Fund दूसरे स्थान पर रहा है और इस फंड ने 2022 में 12.86 रिटर्न दिया है. Nippon India Tax Saver फंड ने 9.33% रिटर्न दिया था तो Kotak TaxSaver Fund ने भी 9.11% का रिटर्न दिया है. हालांकि कई ऐसे फंड्स है जिन्होंने निवेशकों को नेगेटिव रिटर्न भी दिया है. जबकि औसत रिटर्न 4 फीसदी रहा है.
FD पर 7 फीसदी तक ब्याज
5 साल वाले टैक्स सेविंग फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीम के ब्याज दरों पर नजर डालें तो अलग अलग बैंकों के ब्याज दरों में अंतर है. एसबीआई 6.25 फीसदी ब्याज दे रहा है तो एक्सिस बैंक 7 फीसदी ब्याज ऑफर कर रहा है. डीसीबी बैंक 7.25 फीसदी ब्याज ऑफर कर रही है. सीनियर सिटीजन को 0.50 फीसदी से लेकर 1 फीसदी तक अतिरिक्त ब्याज मिलता है. ईएलएसएस में रिटर्न जहां शेयर बाजार की चाल पर रिटर्न निर्भर करता है वहीं टैक्स सेविंग एफडी योजना पर रिटर्न फिक्स होता है.
लॉक पीरियड किसका है कम
ELSS फंड की सबसे बड़ी खासियत है कि सभी टैक्स सेविंग प्लान में सबसे कम केवल 3 साल का इसमें लॉक इन पीरियड है. जबकि टैक्स सेविंग फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीम में 5 साल का लॉक पीरियड है. सरकार से कई बार फिक्स्ड डिपॉजिट को आकर्षक बनाने के लिए लॉक इन पीरियड को 5 साल से घटाकर ईएलएसएस के समान 3 साल करने की मांग होती रही है. बैंकों ने तो इस साल बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से 5 लाख रुपये तक के फिक्स्ड डिपॉजिट को टैक्स-फ्री किए जाने की भी मांग की है.