टुडे गुजराती न्यूज (ऑनलाइन डेस्क)
तवांग सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (Line of Actual Control) पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई झड़प को लेकर तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा (Dalai Lama) का बयान सामने आया है. जब दलाई लामा से तवांग गतिरोध के मद्देनजर चीन के लिए उनके संदेश के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि चीजें सुधर रही हैं. यूरोप, अफ्रीका और एशिया में चीन अधिक लचीला है.
दलाई लामा ने कहा कि उनके चीन लौटने का कोई मतलब नहीं है. वह भारत को पसंद करते हैं. पंडित नेहरू की पसंद कांगड़ा की उनका स्थायी निवास है और वह इस जगह को बेहद पसंद करते हैं. इससे पहले भी उन्होंने कहा था कि 62 सालों से ज्यादा समय से भारत उनका घर रहा है और उसमें से ज्यादातर वक्त वह यहां धर्मशाला में रहने में खुश हैं. इससे पहले तवांग मठ के भिक्षुओं ने भी इस मुद्दे को लेकर चीन को चेतावनी दी थी. उनका कहना था कि ये 1962 नहीं, 2022 है. इस वक्त पीएम मोदी की सरकार है. तवांग मठ के एक भिक्षु लामा येशी खावो ने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसी को नहीं बख्शेंगे. अगर चीन दुनिया में शांति चाहता है तो उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए.
वहीं, तवांग मुद्दे को लेकर देश में सियासत भी अपने चरम पर है. लगातार इसे लेकर लोकसभा और राज्यसभा में जमकर हंगामा जारी है. विपक्ष लगातार मामले में चर्चा की मांग पर अड़ा हुआ है. लोकसभा से लेकर राज्यसभा में हंगामा हो रहा है. एक तरफ सरकार का कहना है कि रक्षा मंत्री इस मामले पर अपना बयान दे चुके हैं वहीं, दूसरी तरफ विपक्ष का कहना है कि वो राजनाथ सिंह के बयान से संतुष्ट नहीं हैं और उन्हें इस मामले पर सरकार से चर्चा करनी है.