थाईलैंड में गुरुवार को एक पूर्व पुलिस अफसर ने चाइल्ड केयर सेंटर में अंधाधुंध फायरिंग की। घटना में 24 बच्चों समेत 36 मौतें हुईं। हमलावर ने अपने परिवार को भी खत्म कर दिया, फिर खुदकुशी कर ली। इस वारदात में ड्रग्स का एंगल है। पूरी घटना जानें इससे पहले इस सवाल का जवाब दीजिए।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, फायरिंग उत्तरी प्रांत के नॉन्गबुआ लम्फू में हुई। हमलावर पूर्व पुलिस अफसर पन्या खमरब (34) था। ड्रग्स के एक केस के सिलसिले में उसे नौकरी से निकाल दिया गया था।चाइल्ड केयर सेंटर में फायरिंग के बाद खमरब ने खुदकुशी कर ली। इससे पहले उसने अपनी पत्नी और बेटे को भी मार डाला।
सबसे पहली तस्वीर हमलावर की और इस हमले की वजह
थाइलैंड के सेंट्रल इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (CIB) के अफसर मेजर जनरल जिरापोब पुरिडेट के मुताबिक, हमलावर खमरब हाईली एजुकेडेट और फिट था। पुलिस में अफसर बना, लेकिन चंद महीने में ही ड्रग स्मगलिंग से जुड़ गया। इंटर ऑफिस ड्रग टेस्ट में फेल होने के बाद उसे बर्खास्त कर दिया गया। इसके बाद वो फुल टाइम ड्रग स्मगलर बन गया। एक बार उसे गिरफ्तार भी किया गया था। वो केस अब भी कोर्ट में चल रहा है। माना जा रहा है कि नौकरी से निकाले जाने की वजह से ही खमरब ने फायरिंग की।
आंखोंदेखी- स्टाफ को मारा, गर्भवती और 2 साल के बच्चे को भी नहीं छोड़ा
जिस वक्त फायरिंग शुरू हुई, तब लोकल अधिकारी जिडापा बूनसोम पास ही काम कर रहे थे। बोले- ऐसा लगा जैसे पटाखे चल रहे हों। बाद में शूटिंग का पता चला। हमलावर ने बच्चों पर गोलियां चलाईं। शूटिंग में दो साल का बच्चा और गर्भवती भी मारे गए। हमलावर दोपहर के वक्त चाइल्ड केयर सेंटर में दाखिल हुआ। तब वहां लंच चल रहा था। उसने स्टाफ पर गोलियां दागीं। इसके बाद वह एक बंद कमरे में जबरदस्ती घुसा, यहां बच्चे सो रहे थे।