Today Gujarati News (Desk)
नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली आबकारी नीति से संबंधित धनशोधन मामले में भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की नेता के. कविता का नाम भी जुड़ा है. पिछले दिनों ईडी ने उनसे एक लंबी पूछताछ की थी. इस बीच कहा जा रहा है कि कथित तौर पर के कविता द्वारा दबाव में अरुण रामचंद्र पिल्लई द्वारा बयान वापस लेने की याचिका दायर की गई है. ईडी ने 11 मार्च को के कविता से पूछताछ की थी. हालांकि, एक दिन पहले ही अरुण रामचंद्र पिल्लई ने कोर्ट में अर्जी दाखिल कर अपने बयान को वापस लेने को कहा था.
ईडी के समक्ष पहले दर्ज किए गए अपने बयान में, अरुण रामचंद्र पिल्लई ने बताया था कि कैसे ‘दक्षिण समूह’ ने दिनेश अरोड़ा के माध्यम से विजय नायर को कथित तौर पर 100 करोड़ रुपये का भुगतान किया था.
बाद में यह आरोप लगाया गया कि के कविता ने चुपके से दिल्ली स्थित निर्माता इंडो स्पिरिट्स के 65% शेयर प्राप्त कर लिए. 65% शेयरों में, अरुण रामचंद्र पिल्लई के पास कथित तौर पर 32% प्रॉक्सी शेयर थे. अदालत में ईडी ने कहा कि पिल्लई का “बयान वापस लेने” का निर्णय एक “बाद का विचार” है. एजेंसी ने के कविता के पूर्व ऑडिटर बुचिबाबू को 15 मार्च को तलब किया है, इससे एक दिन पहले उनसे दूसरी बार पूछताछ की जाएगी.
बता दें कि पिल्लई ‘रॉबिन डिस्टिलरीज एलएलपी’ नामक कंपनी में साझेदार हैं. ईडी ने दावा किया कि यह कंपनी तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की बेटी एवं विधान पार्षद के. कविता और अन्य से जुड़े कथित शराब कार्टल ‘साउथ ग्रुप’ का प्रतिनिधित्व करती है. आरोप है कि ‘साउथ ग्रुप’ ने अब निरस्त कर दी गयी दिल्ली आबकारी नीति 2020-21 के तहत राष्ट्रीय राजधानी के बाजार में अधिक हिस्सेदारी हासिल करने के लिए आम आदमी पार्टी (आप) को करीब 100 करोड़ रुपये की रिश्वत दी थी. कविता से इस मामले में पहले केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने भी पूछताछ की थी.
ईडी ने इस मामले में अभी तक दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं आप नेता मनीष सिसोदिया समेत 12 लोगों को गिरफ्तार किया है. आरोप है कि दिल्ली सरकार की शराब कारोबारियों को लाइसेंस देने के लिए 2021-22 की आबकारी नीति से उद्यमियों को सांठगांठ करने का अवसर दिया गया तथा कुछ डीलरों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया, जिन्होंने इसके लिए कथित तौर पर घूस दी.
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