टुडे गुजराती न्यूज (ऑनलाइन डेस्क)
गुजरात में बीजेपी की शानदार जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार पार्टी कार्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने बिना नाम लिए हुए आम आदमी पार्टी पर जमकर निशाना साधा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हम हिमाचल का चुनाव जरूर हार गए हैं लेकिन वहां के विकास के लिए जो हमारी प्रतिबद्धता है वह वैसे ही है। हम हिमाचल की प्रगति के लिए भी वैसे ही काम करते रहेंगे। इसी दौरान उन्होंने दिल्ली की केजरीवाल सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि अभी जो दिल्ली का वर्णन सुना किस प्रकार से दिल्ली नगर निगम को विफल करने के इरादे से जनता से धोखा किया गया। यह काम हम नहीं करते हैं। हम हिमाचल के लिए काम करते रहेंगे।
पीएम मोदी ने कहा कि हमारे पूर्वजों ने एक कहावत कही है, ‘आमदनी अठन्नी, खर्चा रुपया’। यदि यह हिसाब रहेगा तो क्या स्थिति होगी यह हम अपने आस-पास के देशों में देख रहे हैं। आज इसलिए देश सतर्क है। देश के हर राजनीतिक दल को यह याद रखना होगा कि चुनावी हथकंडों से किसी का भला नहीं हो सकता। प्रधानमंत्री का निशाना मुफ्त की घोषणाओं पर था। नरेंद्र मोदी ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के चुनाव में एक प्रतिशत से भी कम अंतर से हार-जीत का फैसला हुआ है।
इतने कम अंतर से हिमाचल प्रदेश में कभी नतीजे नहीं आए हैं। हिमाचल में हर 5 साल में सरकार बदली है लेकिन हर बार 5-7% के अंतर से सरकार बदली है। मैं गुजरात, हिमाचल और दिल्ली की जनता का विनम्र भाव से आभार व्यक्त करता हूं। पीएम मोदी ने कहा कि बीजेपी के प्रति ये स्नेह देश के अलग अलग राज्यों के उपचुनाव में भी दिख रहा है। उत्तर प्रदेश के रामपुर में भाजपा को जीत हासिल हुई है। बिहार के उपचुनावों में भाजपा का प्रदर्शन आने वाले दिनों का स्पष्ट संदेश है।
प्रधानमंत्री से पहले बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने दिल्ली सरकार पर निशाना साधा। नड्डा की बात का जिक्र पीएम मोदी ने भी किया। जेपी नड्डा ने दिल्ली सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि दिल्ली सरकार को एमसीडी को 33 हजार करोड़ देना था लेकिन उससे इससे वंचित रखा। 720 करोड़ रुपये दिल्ली सरकार को हेल्थ के लिए एमसीडी को देना था लेकिन उससे वंचित रखा गया। 450 करोड़ शिक्षा पर खर्च होना था लेकिन एमसीडी को इससे वंचित रखा गया। इतना ही नहीं जब एमसीडी की ओर से बांड जारी करके पैसा जुटाने की कोशिश की गई उसकी भी इजाजत दिल्ली सरकार की ओर से नहीं मिली।