टुडे गुजराती न्यूज (ऑनलाइन डेस्क)
नए साल में आपके लिए खुशखबरी का एलान हो सकता है. नए साल में खाना पकाना आपके लिए सस्ता हो सकता है. माना जा रहा है कि सरकारी तेल कंपनियां (Oil Marketing Companies) नए साल में रसोई गैस (LPG) के दामों में कटौती का एलान कर सकती हैं. दरअसल कच्चे तेल (Crude Oil) के दामों में इन दिनों भारी कमी आई है. जिसका फायदा सरकारी तेल कंपनियों एलपीजी गैस सिलेंडर के दामों में कटौती कर उपभोक्ताओं को दे सकती है.
कच्चे तेल के दाम घटे पर एलपीजी सिलेंडर सस्ता नहीं!
मौजूदा समय में राजधानी दिल्ली में 14.2 किलो वाले एलपीजी सिलेंडर रिफिल कराने पर 1053 रुपये का भुगतान करना पड़ता है. कोलकाता में 1079 रुपये, मुंबई में 1052.50 रुपये और चेन्नई में 1068 रुपये चुकाने पड़ते हैं. पटना में 1151 रुपये चुकाने पड़ते हैं, तो लखनऊ में 1090 रुपये का भुगतान करना पड़ता है. सरकारी तेल कंपनियों ने 6 जुलाई 2022 के बाद से एलपीजी सिलेंडरों के दामों में कोई परिवर्तन नहीं किया है. जबकि इस अवधि में कच्चे तेल के दामों में भारी गिरावट आई है. कच्चे तेल के दाम इस अवधि में 30 फीसदी तक घटे हैं.
2022 में 150 रुपये महंगा हुआ घरेलू रसोई गैस सिलेंडर
2022 में सरकारी तेल कंपनियों ने घरेलू रसोई गैस के दामों में 150 रुपये के करीब प्रति सिलेंडर की बढ़ोतरी की है. बीते वर्ष अक्टूबर 2021 में जब कच्चे तेल की कीमत 85 डॉलर प्रति बैरल के करीब हुआ करती थी जब घरेलू रसोई गैस 899 रुपये में मिल रहा था. मौजूदा समय में कच्चा तेल 83 डॉलर प्रति बैरल के करीब ट्रेड कर रहा तो इंडियन बास्केट प्राइस 77 डॉलर प्रति बैरल के करीब है. यही वजह है सरकारी तेल कंपनियों के पास घरेलू रसोई गैस के दामों में कटौती करने की पूरी वजह है.
राजस्थान सरकार के फैसले से बढ़ा दबाव
वैसे भी महंगे रसोई गैस के लेकर मोदी सरकार पर विपक्ष चौतरफा हमला बोल रहा है. भारत जोड़ो यात्रा पर निकले राहुल गांधी लगातार महंगे रसोई गैस को लेकर सवाल उठा रहे हैं और याद दिला रहे हैं कैसे 2014 में घरेलू रसोई गैस 414 रुपये प्रति सिलेंडर में मिल रहा था. तो दूसरी तरफ राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने एक अप्रैल 2023 में 500 रुपये में सिलेंडर देने का वादा किया है जबकि मौजूदा कीमत जयपुर में 1056 रुपये प्रति सिलेंडर है. यानि आधे दाम में लोगों को एलपीजी सिलेंडर राज्य सरकार मुहैया कराएगी. राजस्थान सरकार के इस फैसले से केंद्र सरकार पर दबाव बढ़ गया है. यही वजह है कि नए साल में घरेलू रसोई गैस के दामों में कटौती की उम्मीद की जा रही है.