टुडे गुजराती न्यूज (ऑनलाइन डेस्क)
नए साल में छोटी बचत योजनाओं में निवेश करने वाले निवेशकों को बड़ी सौगात मिल सकती है. 31 दिसंबर,2022 को मोदी सरकार छोटी बचत योजनाओं के ब्याज दरों में बढ़ोतरी का एलान कर सकती है. दरअसल वित्त मंत्रालय इस वित्त वर्ष 2022-23 की चौथी तिमाही जनवरी से मार्च तक के लिए छोटी बचत योजनाओं के ब्याज दरों की समीक्षा करेगी जिसमें माना जा रहा है कि पीपीएफ (PPF) और सुकन्या समृद्धि योजना ( Sukanya Samriddhi Yojna) एनएससी (NSC) जैसी बचत योजना पर ब्याज दरें बढ़ाने का एलान किया जा सकता है. आरबीआई ने लगातार पांचवीं बार रेपो रेट में बढ़ोतरी का एलान किया है. रेपो रेट को 4 फीसदी से बढ़ाकर 6.25 फीसदी कर दिया गया है. लेकिन सरकार ने कई छोटी बचत योजनाओं के ब्याज दरों में बढ़ोतरी नहीं की है. पीपीएफ, सुकन्या समृद्धि योजना और एनएससी के ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. पब्लिक प्रॉविडेंट फंड पर 7.1 फीसदी, NSC यानि नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट पर 6.8 फीसदी, सुकन्या समृद्धि योजना पर 7.6 फीसदी ब्याज हर बना हुआ है. अब माना जा रहा है कि रेपो रेट के 2.25 फीसदी बढ़ने के बाद सरकार इन योजनाओं के ब्याज दरों में बढ़ोतरी की जा सकती है. तीसरी तिमाही में केवल किसान विकास पत्र के ब्याज दर को 6.9 फीसदी से बढ़ाकर 7 फीसदी कर दिया गया था. मैच्योरिटी की अवधि को 124 महीने घटाकर 123 महीने कर दिया गया था. सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम पर ब्याज दर को 7.4 फीसदी से बढ़ाकर 7.6 फीसदी कर दिया गया था. मंथली इनकम अकाउंट स्कीम पर 6.6 फीसदी की जगह 6.7 फीसदी पोस्ट ऑफिस दो वर्षीय सावधि जमा योजना पर 5.5 फीसदी की जगह 5.7 फीसदी, वहीं 3 साल के सावधि जमा योजना पर 5.5 फीसदी की जगह 5.8 फीसदी ब्याज कर दिया गया था.
सरकार के बांड पर यील्ड बढ़ा
महंगाई, डॉलर के मुकाबले रुपये में कमजोरी और ब्याज दरें बढ़ने के चलते बीते एक सालों में सरकार के बांड पर यील्ड यानि रिटर्न (Government Bond Yield) बढ़ा है. इसके बावजूद एनएससी और सुकन्या समृद्धि योजना जैसी स्कीमें जो इन बांड के साथ लिंक्ड है उनके ब्याज दरों में बदलाव नहीं किया गया. 2011 में गोपीनाथ कमिटी ने सुझाव दिया था कि ऐसी छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरें सरकार के बांड के यील्ड से 25 से 100 बेसिस प्वाइंट ज्यादा होनी चाहिए.