यूक्रेन युद्ध के बीच रूस के राष्ट्रपति कार्यालय क्रेमलिन ने कहा कि दुनिया की परमाणु शक्तियों के बीच एटमी युद्ध से बचना उसकी पहली प्राथमिकता है। क्रेमलिन ने आरोप लगाया कि पश्चिमी देश महाविनाशक हथियारों की मदद से इसे भड़काने की कोशिश कर रहे हैं। रूस के विदेश मंत्रालय ने तो यहां तक कह दिया है कि दुनिया की 5 घोषित परमाणु महाशक्तियां सीधे सशस्त्र संघर्ष की कगार पर हैं। उसने कहा कि पश्चिमी देश महाविनाश के हथियारों को बढ़ावा देना बंद करें जिसके परिणाम बहुत ही भयानक हो सकते हैं।वहीं पश्चिमी देशों ने कहा है कि यूक्रेन हमले के बाद से रूस ही लगातार परमाणु हमले की धमकी दे रहा है। यही नहीं रूस ने हाल ही में दावा किया है कि यूक्रेन रेडियोएक्टिव डर्टी बम का इस्तेमाल करने की योजना बना रहा है लेकिन इसके सबूत नहीं दिए। यूक्रेन ने भी रूस के इस आरोप का खंडन किया है। रूस के विदेश मंत्रालय ने कहा कि हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा को कमजोर करने के लिए उठाए गए कदमों से वर्तमान जटिल हालात पैदा हुए हैं। हमारी सबसे पहले कोशिश परमाणु हथियारों से लैस शक्तियों के बीच सैन्य संघर्ष से बचना है।
रूस ने परमाणु हथियारों के इस्तेमाल पर चर्चा की: अमेरिका
रूस ने यह भी कहा कि वह परमाणु हथियारों से लैस अमेरिका, चीन, ब्रिटेन और फ्रांस के साथ जनवरी में जारी उस संयुक्त घोषणापत्र पर अब भी कायम है जिसमें परमाणु युद्ध रोकने की संयुक्त जिम्मेदारी की बात कही गई थी। इससे पहले रूस ने बार-बार कहा है कि अगर उसकी क्षेत्रीय संप्रभुता पर संकट आया तो वह हर हथियार का इस्तेमाल करने पर विचार करेगा। पुतिन ने कहा था कि वह इस संबंध में झांसा नहीं दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका ने दूसरे विश्वयुद्ध की समाप्ति के समय जापान में परमाणु बम गिराकर ‘मिसाल’ पेश की थी।
पुतिन के इस बयान के बाद रूसी राष्ट्रपति के करीबी सहयोगी और चेचन्या के लीडर रमजान कादयरोव ने कहा था कि रूस को ‘कम क्षमता का परमाणु हथियार’ यूक्रेन में इस्तेमाल करना चाहिए। इस बीच कई अमेरिकी अधिकारियों ने दावा किया है कि रूस के वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों ने चर्चा की है कि वह यूक्रेन में सामरिक परमाणु हथियारों का इस्तेमाल कब और कैसे करेंगे। डेली मेल ने बताया कि अधिकारियों ने उन परिद्दश्यों के बारे में बात की जिसमें वह परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करेंगे, यह दर्शाता है कि यूक्रेन में युद्ध के मैदान में असफलताओं को लेकर रुस कितना निराश हैं।’दुनिया परमाणु विनाश के कगार पर नहीं है’
डेली मेल ने बताया कि उन्होंने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ हथियारों के इस्तेमाल के बारे में बात नहीं की- लेकिन बातचीत ने परमाणु आर्मगेडन की संभावना के बारे में चिंता बढ़ा दी है। द न्यूयॉर्क टाइम्स ने बताया- अमेरिकी सरकार के अधिकारियों को अक्टूबर के मध्य में चर्चा के बारे में पता चला, क्योंकि मॉस्को की परमाणु पर बयानबाजी तेज हो गई थी। यह पिछले हफ्ते पुतिन द्वारा परमाणु युद्ध की संभावना के बारे में मजाक किए जाने के बाद सामने आया। क्रेमलिन नेता को वल्दाई डिस्कशन क्लब थिंक-टैंक में दर्शकों को आश्वस्त करने के लिए कहा गया था कि दुनिया परमाणु विनाश के कगार पर नहीं है- और एक लंबे विराम के साथ जवाब देने का फैसला किया।