टुडे गुजराती न्यूज (ऑनलाइन डेस्क)
दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए सरकार ने वायु गुणवत्ता को बिगड़ने से रोकने के लिए गैर-जरूरी निर्माण और विध्वंस गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया है. केंद्र के वायु गुणवत्ता पैनल ने वायु प्रदूषण में वृद्धि को देखते हुए शुक्रवार को दिल्ली-एनसीआर में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) के तीसरे चरण के तहत प्रतिबंधों को लागू करने का निर्देश दिया. जिसमें गैर-जरूरी निर्माण और विध्वंस कार्य पर रोक रहेगी.
दिल्ली का 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक शुक्रवार को 399 पर रहा, जो गंभीर श्रेणी से सिर्फ दो पायदान नीचे है. जीआरएपी पर उप-समिति ने एक समीक्षा बैठक में कहा कि एक्यूआई के शांत हवाओं और स्थिर वायुमंडलीय स्थितियों के कारण गंभीर श्रेणी में आने की संभावना है. इसलिए दिल्ली-एनसीआर में अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से प्रदूषण विरोधी योजना के फेज 3 के तहत प्रतिबंधों को लागू करने का निर्देश दिया है.
दिल्ली-एनसीआर में निर्माण और विध्वंस पर रोक
जीआरएपी के मुताबिक यदि एक्यूआई के गंभीर श्रेणी में पहुंचने का अनुमान है, तो तीसरे फेज के तहत प्रतिबंधात्मक कार्रवाई कम से कम तीन दिन पहले शुरू की जानी चाहिए. तीसरे फेज के तहत प्रतिबंधों में दिल्ली-एनसीआर में गैर-आवश्यक निर्माण और विध्वंस, स्टोन क्रशर और खनन गतिविधियों को बंद करना शामिल है.
वास्तविक समय पर हो रही प्रदूषणों के स्रोतों की पहचान
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पिछले शुक्रवार को कहा था कि वास्तविक समय के आधार पर वायु प्रदूषण के स्रोतों की पहचान अब राष्ट्रीय राजधानी में शुरू हो गई है. इससे पहले अक्टूबर 2021 में कैबिनेट द्वारा अनुमोदित और नवंबर 2022 में स्थापित की गई परियोजना को दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) द्वारा भारतीय कानपुर संस्थान (आईआईटी-के), भारतीय दिल्ली संस्थान (आईआईटी-डी) के सहयोग से शुरू किया गया है.