टुडे गुजराती न्यूज (ऑनलाइन डेस्क)
हाई स्पीड बुलेट ट्रेन रेल ट्रैक के लिए प्रीकास्ट ट्रैक स्लैब बिछाने के लिए इरकॉन इंटरनेशनल ने एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किया है। इस एग्रीमेंट के तहत पैकेज टी-2 में जारोली गांव (महाराष्ट्र) से गुजरात बॉर्डर तक 156 किमी और गुजरात बॉर्डर से वापी-वलसाड-सूरत-वडोडरा तक कुल 393 किमी रूट का प्रीकास्ट ट्रैक स्लैब बिछाया जाएगा। नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन (एनएचएसआरसीएल) ट्रैक और ट्रैक से संबंधित कार्यों की डिजाइन, आपूर्ति और निर्माण के लिए दो कॉन्ट्रैक्ट सौंप चुका है।
अनुमानित लागत 3141 करोड़ रुपए
दिसंबर 2021 में ट्रैक बिछाने के लिए पहला कॉन्ट्रैक्ट सौंपा था। अब अहमदाबाद से मुंबई तक 508 किमी के रूट में गुजरात में ट्रैक बिछाने के लिए पूरे 352 किमी का ठेका सौंपा जा चुका है। उल्लेखनीय है कि एनएचएसआरसीएल ने गुजरात राज्य में वडोदरा और साबरमती डिपो के बीच डबल लाइन हाई स्पीड रेलवे और कार्यशाला के लिए ट्रैक और ट्रैक से संबंधित कार्यों की आपूर्ति और निर्माण के लिए अनुबंध किया है। इसकी अनुमानित लागत 3141 करोड़ रुपए है। इसका ठेका मैसर्स लार्सन एंड टुब्रो लिमिटेड को दिया गया है।
508 किमी रूट को तीन पैकेजों में बांटकर बिछाए जाएंगे ट्रैक स्लैब
ट्रैक बिछाने के लिए 508 किमी रूट को तीन पैकेजों में बांटा गया है। इनमें पैकेज टी-1, टी-2 और टी-3 शामिल हैं। पैकेज टी-2 गुजरात में सबसे बड़ा हिस्सा है। इसके लिए जनवरी में ही टेंडर जारी किया गया था। अब टी-2 और टी-3 का ठेका मिलने के बाद संबंधित कंपनी को ट्रैक निर्माण, टेस्टिंग, कमीशनिंग का काम शुरू करना है।
उल्लेखनीय है कि बुलेट ट्रेन रूट पर स्लैब ट्रैक मेथड से ट्रैक बिछाने का काम किया जाएगा और यह स्टैंडर्ड गेज हाई स्पीड रेल ट्रैक होगा। गुजरात में बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट में रूट के पिलर और उन पर गर्डर रखने का काम तेजी से चल रहा है। साथ ही 15 किमी से ज्यादा की दूरी में वायडक्ट भी तैयार हो चुका है।
बुलेट परियोजना में ट्रैक में जापानी तकनीकी का होगा उपयोग
जापानी हाई स्पीड रेल (शिंकानसेन) में इस्तेमाल किए गए गिट्टी-रहित स्लैब ट्रैक सिस्टम का उपयोग भारत की पहली हाई स्पीड रेल परियोजना (एमएएचएसआर) में भी किया जाएगा। जापान रेलवे ट्रैक कंसल्टेंट कंपनी लिमिटेड (जेआरटीसी) ने आरसी ट्रैक बेड, ट्रैक स्लैब व्यवस्था और वेल्डेड रेल (सीडब्ल्यूआर) दि की विस्तृत डिजाइन और ड्राॅइंग दी है। इससे पहले वापी और वडोदरा के बीच 237 किमी ट्रैक कार्य का पहला ठेका मैसर्स इरकॉन इंटरनेशनल लिमिटेड को 24 दिसंबर 2021 को दिया गया था।