टोक्यो ओलंपिक में हिस्सा लेने वाली भारत की डिस्कस थ्रो एथलीट कमलप्रीत कौर को तीन साल के लिए बैन किया गया है. कौर पर यह बैन प्रतिबंधित पदार्थ के सेवन का दोषी पाए जाने के कारण लगा है. डोप टेस्ट में फेल होने के बाद उन पर यह बैन वर्ल्ड एथलेटिक्स ने लगाया है जो 29 मार्च से ही लागू माना जाएगा. कौर ने अपने ऊपर लगे आरोपों को स्वीकार कर लिया था और इसी कारण उन्हें सजा में थोड़ी छूट मिली है.
डोपिंग का दोषी पाए जाने पर चार साल के बैन का प्रावधान है, लेकिन यदि एथलीट अपनी गलती को स्वीकार कर लेता है तो एक साल का बैन कम कर दिया जाता है. कौर का सैंपल 07 मार्च को पटियाला में लिया गया था. इसके बाद उनके कई सप्लीमेंट टेस्ट भी कराए गए थे. अंत में उन्होंने अपनी गलती स्वीकार की और अपनी सजा को स्वीकार कर लिया. दोषी पाए जाने के बाद एथलीट के पास 20 दिन का समय रहता है. यदि 20 दिन के समय में एथलीट ने आरोप स्वीकार कर लिए तो उन्हें एक साल की छूट मिल जाती है.
पिछले साल 19 मार्च को पटियाला में 65.06 मीटर की थ्रो के साथ कौर ने नेशनल रिकॉर्ड बनाया था. इसके बाद पटियाला में अकेले हिस्सा लेते हिस्सा लेते हुए 66.59 मीटर का थ्रो किया था. फिलहाल यह साफ नहीं है कि क्या अब भी एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया उनके नेशनल रिकॉर्ड को बनाए रखेगा या फिर इसे हटा दिया जाएगा. टोक्यो ओलंपिक में 64 मीटर की थ्रो के साथ कौर ने फाइनल में जगह बनाई थी. हालांकि, फाइनल में 63.70 मीटर की थ्रो के साथ वह छठे स्थान पर रही थीं.