मेंटल हेल्थ आज भी पूरी दुनिया के लिए बड़ी समस्या है। इसके बावजूद भारत में 80% से ज्यादा मेंटल इलनेस के मरीज इलाज नहीं करवाना चाहते। भारत में करीब 14% आबादी किसी न किसी मेंटल हेल्थ डिसऑर्डर से ग्रस्त है।
जानिए, आखिर कैसे एक सदस्य के डिप्रेशन ने अमेरिका के पूरे परिवार को तबाह कर दिया। और कैसे भारत में दबे पांव मेंटल इलनेस अपने पांव पसार रहा है…
जोनाथन टोब्बे वॉशिंगटन नेवी यार्ड में न्यूक्लियर रिएक्टर्स सेक्शन में इंजीनियर था जहां अमेरिका की न्यूक्लियर सबमरीन्स पर काम होता है। उसके देशद्रोही होने का पता चलने की कहानी भी रोचक है।
ब्राजील की इंटेलिजेंस एजेंसी को एक अनाम खत मिला जिसमें अमेरिकी न्यूक्लियर सबमरीन्स की खुफिया जानकारी बेचने की पेशकश की गई थी। ब्राजीली सरकार अमेरिका से संबंध खराब नहीं करना चाहती, इसलिए ब्राजीली एजेंसी ने यह खत एफबीआई को सौंप दिया।
एफबीआई ने खत की पड़ताल शुरू की और अंतत: पता चला कि इसे लिखने वाला जोनाथन टोब्बे था। उसने अपने दफ्तर से कुछ कॉन्फिडेंशल दस्तावेज चुराए थे। जांच एजेंसियों ने इस काम में मदद करने के आरोप में उसकी पत्नी डायना टोब्बे को भी गिरफ्तार कर लिया।
कोर्ट में जोनाथन टोब्बे ने स्वीकारा कि उससे गलती हुई है। उसने कहा कि परिवार में लंबे समय से मेंटल हेल्थ प्रॉब्लम्स चल रही हैं। काम के दबाव और देश की राजनीतिक हालत में उसे लगा कि इस समय परिवार को अमेरिका से बाहर कहीं बसाना ठीक होगा।
इसके लिए पैसा जुटाने के इरादे से उसने दफ्तर से गोपनीय दस्तावेज चुराए। उसकी पत्नी डायना टोब्बे ने भी कहा कि उसने पति को रोकने के बजाय उसके प्लान में साथ देने की गलती की। हालांकि उसके मुताबिक यह पूरा प्लान उसके पति का था।
जांच एजेंसियों ने डायना टोब्बे के लिए 3 साल की जेल की सजा मांगी थी, मगर जज ने उसे 22 साल की सजा दी और जोनाथनन टोब्बे को 19 साल की।
जज का कहना था कि डायना ने ही अपने पति को इस तरह का काम करने के लिए उकसाया और वही इस पूरे प्लान के पीछे है। पकड़े जाने के बाद उसने अपने पति पर इस बात का भी दबाव बनाया कि वह पूरा इल्जाम अपने सिर ले ताकि डायना को कम सजा मिले।
डायना ने ट्रायल के दौरान कस्टडी में चोरी-छुपे अपने पति तक दो बार खत पहुंचाने की कोशिश की थी। ये खत जेल प्रशासन के हाथ लग गए। इनमें भी डायना ने अपने पति को धमकाने के अंदाज में कहा था कि वह कोर्ट में स्वीकार करे कि पूरे प्लान में डायना का कोई हाथ नहीं था।