टुडे गुजराती न्यूज (ऑनलाइन डेस्क)
GANDHINAGAR: गुजरात हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से पतंग उड़ाने के लिए चीनी मांझे और शीशे का लेप चढ़े धागे का प्रयोग करने से रोकने की दिशा में कार्ययोजना बनाने को कहा है। अदालत ने कहा कि ऐसे मांझे खतरनाक हैं और आगामी उत्तरायण उत्सव के दौरान लोकहित में इसकी अनुमति नहीं दी जा सकती है। 14 जनवरी को मनाए जाने वाले उत्तरायण (मकर संक्रांति) के दौरान पतंग उड़ाने के लिए चीनी मांझे और शीशे का लेप चढ़े धागे का प्रयोग किया जाता है। ऐसे धागे से लोगों और पक्षियों की मौत तक हो जाती है।
चीनी मांझे पर रोक लगाने के लिए हाई कोर्ट ने सरकार को दिए थे निर्देश
याचिकाकर्ता सिद्धराज सिंह चुडासमा ने अपने वकील भुनेश रूपेरा के माध्यम से कहा कि 13 जनवरी, 2017 को हाई कोर्ट ने सरकार को नॅायलान धागे (चीनी मांझा) और अन्य प्रकार के कृतिम धागों के निर्माण, भंडारण और प्रयोग पर रोक लगाने के लिए यथासंभव कदम उठाने का अंतरिम निर्देश दिया था। सरकारी वकील ने अदालत को बताया कि 2016 में एक परिपत्र जारी किया गया था और जिलों को इसे लागू करने के लिए कहा गया था। मुख्य न्यायाधीश अरविंद कुमार और जस्टिस आशुतोष शास्त्री की खंडपीठ ने सरकार से यह बताने को कहा कि वह आदेश को लागू करने के लिए क्या कदम उठा रही है। मामले में अगली सुनवाई छह जनवरी को होगी।