पश्चिम बंगाल के मंत्री और TMC नेता अखिल गिरि ने राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू पर विवादित टिप्पणी की है। उन्होंने नंदीग्राम में कहा- ‘हम किसी को उनकी शक्ल से नहीं आंकते। हम भारत के राष्ट्रपति का सम्मान करते हैं, लेकिन हमारी राष्ट्रपति कैसी दिखती हैं?’ TMC नेता के इस बयान पर बवाल शुरू हो गया है।
भाजपा नेता अमित मालवीय ने अखिल गिरि के इस बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया। उन्होंने कहा- ममता बनर्जी हमेशा से आदिवासी विरोधी रही हैं। चुनाव में उन्होंने द्रौपदी मुर्मू का समर्थन नहीं किया और अब यह। अभिव्यक्ति का शर्मनाक स्तर। हालांकि, ममता बनर्जी की तरफ से इस पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
भाजपा का आरोप- आदिवासी विरोधी हैं ममता बनर्जी
भाजपा ने कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आदिवासी हैं और उनके मंत्री के बयान से साफ है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनकी पार्टी आदिवासी विरोधी है। बंगाल भाजपा ने यह भी कहा कि जब गिरि ने यह टिप्पणी की, तब राज्य की महिला कल्याण मंत्री शशि पांजा भी मौजूद थीं।
यह विवाद शुरू कैसे हुआ…
शुक्रवार को TMC नेता शहीद दिवस समारोह के मौके पर नंदीग्राम में लोगों के बीच जाकर उन्हें संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने बंगाल में प्रतिपक्ष के नेता शुंभेंदु अधिकारी पर तंज कसते हुए कहा- वह (शुभेंदु अधिकारी) कहते हैं कि मैं (अखिल गिरि) सुंदर नहीं हूं। वह कितने सुंदर हैं। इसके बाद उन्होंने राष्ट्रपति को लेकर यह टिप्पणी की। यही नहीं, उन्होंने शुंभेंदु अधिकारी को धमकी दी- ममता बनर्जी नहीं चाहतीं इसलिए चुप हूं, वरना मार-मारकर उनका हाथ तोड़ देता।
चार बार विधायक रह चुके हैं अखिल गिरि
चार बार के विधायक और कैबिनेट मंत्री अखिल गिरी पूर्वी मेदनीपुर क्षेत्र के कद्दावर नेता माने जाते हैं। यह इलाका भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी और दिलीप घोष का भी गढ़ माना जाता है। इसके बावजूद 2021 के विधानसभा चुनाव में गिरि ने भाजपा उम्मीदवार को हराया था। इसी वजह से ममता ने उन्हें मंत्री बनाया था। गिरि जिस विधानसभा क्षेत्र से आते हैं, वो कांथी लोकसभा में आता है। कांथी से शुभेंदु के भाई शिशिर सांसद हैं।
कांग्रेस नेता भी कर चुके हैं राष्ट्रपति पर विवादित टिप्पणी
यह पहला ऐसा मौका नहीं है जब किसी नेता ने राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू का अपमान किया हो। इससे पहले इससे पहले कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने द्रौपदी मुर्मू को ‘राष्ट्रपत्नी’ कहकर विवाद खड़ा कर दिया था। तब उन्होंने कहा था कि आज भी जाने की कोशिश करेंगे। हिंदुस्तान की ‘राष्ट्रपत्नी’ सबके लिए हैं। हमारे लिए क्यों नहीं।