दिवाली के त्योहार पर जब पूरा देश खुशियां मना रहा होगा, तब राजस्थान के भरतपुर जिले में करीब 3 लाख से ज्यादा गरीब लोग भूखे रहने को मजबूर होंगे। दरअसल, इसके पीछे राज्य सरकार की प्रशासनिक मशीनरी जिम्मेदार है। केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत राज्य सरकार को पूरा कोटा तो भेज दिया लेकिन स्टेट मशीननरी ने भरतपुर में कम गेहूं भेजा है। जिसके कारण गरीब राशन की दुकानों पर मारे-मारे फिर रहे हैं।राजस्थान सरकार को केंद्र सरकार से प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत खाद्यान्न मिल गया है लेकिन राज्य सरकार की अनियमितता के कारण यह बंटवारा हर जिले में सही तरीके से नहीं हो सका है। केंद्र सरकार ने गरीबों को दिए जाने वाला गेहूं का पूरा कोटा प्रदेश को भेज दिया था, लेकिन राज्य सरकार की लापरवाही से जिले में इस योजना का 18 हजार क्विंटल गेहूं कम पहुंचा है।भरतपुर जिले में ही तीन लाख से ज्यादा गरीब लोगों को खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाता है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत केंद्र सरकार राजस्थान सरकार को हर महीने प्रदेश के हिस्से का खाद्यान्न भेज देती है। मगर राजस्थान सरकार की लापरवाही के और अनियमितता के चलते यह खाद्यान्न गरीब लोगों तक नहीं पहुंच पाया है।
क्या खाद्य सुरक्षा योजना
खाद्य सुरक्षा योजना के तहत गरीबों को ₹2 प्रति किलो गेहूं दिया जाता है। परिवार के प्रत्येक सदस्य को हर महीने 5 किलो गेहूं मिलता है। और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत भी परिवार के प्रत्येक सदस्य को हर महीने 5 किलो गेहूं फ्री मिलता है। इस योजना के पात्र गरीब लोग रसद विभाग की दुकानों पर खाद्यान्न लेने के लिए भटक रहे हैं राशन डीलरों की ओर से उनको वापस लौटाया जा रहा है। खास बात यह है कि केंद्र सरकार से राजस्थान को उसके हिस्से का पूरा खाद्यान मिल गया, मगर राजस्थान सरकार सही तरीके से गरीबों को हर जिले में गेहूं का आवंटन नहीं कर सकी।