टुडे गुजराती न्यूज (ऑनलाइन डेस्क)
कांग्रेस ने सीआरपीएफ के दावे के दो दिन बाद भारत जोड़ो यात्रा में राहुल गांधी की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर शनिवार (31 दिसंबर) को फिर से चिंता जताई. कांग्रेस ने सुरक्षा व्यवस्था को लेकर दूसरी बार केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) को खत लिखा है. इससे पहले केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) ने कहा था कि राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने कई मौकों पर दिशानिर्देशों का “उल्लंघन” किया है.
कांग्रेस ने केंद्रीय गृह मंत्री को पत्र में लिखा कि सीआरपीएफ की ओर से जो प्रतिक्रिया आई है उसके खिलाफ हम चिंता जता रहे हैं. यह अस्वीकार्य है क्योंकि यह मुद्दे को हल नहीं करता है, लेकिन उसे और बड़ा कर रहा है. पहले पत्र में कांग्रेस ने यात्रा के दिल्ली चरण में सुरक्षा उल्लंघन का आरोप लगाया था. ये यात्रा कन्याकुमारी से सितंबर में शुरू हुई थी.
सीआरपीएफ ने क्या कहा?
सीआरपीएफ राहुल गांधी को जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा मुहैया कराती है. सुरक्षा एजेंसी ने कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल के आरोपों का जवाब दिया था जिसमें कहा गया था कि राहुल गांधी के लिए सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह से दिशानिर्देशों के अनुसार की गई है. पैदल मार्च के दौरान सीआरपीएफ ने राहुल गांधी की ओर से कुल 113 उल्लंघनों का हवाला दिया. दिल्ली चरण के संदर्भ में एजेंसी ने आगे जोर देकर कहा कि राहुल ने दिशानिर्देशों का पालन नहीं किया.
कांग्रेस ने फिर लिखा खत
कांग्रेस ने अपने ताजा पत्र में एक बार फिर हरियाणा के सोहना में सेंधमारी का मुद्दा उठाया और साथ ही सीआरपीएफ व दिल्ली पुलिस के बीच समन्वय की कमी पर भी जोर दिया. हालांकि, सुरक्षा एजेंसी ने पहले स्पष्ट किया था कि उन्होंने शहर के पुलिस के साथ चर्चा की थी.
“अज्ञात लोग राहुल गांधी के बहुत करीब आए”
कांग्रेस नेता जयराम रमेश और पवन खेड़ा की ओर से ट्विटर पर शेयर किए गए नए पत्र में लिखा है, “ऐसे कई उदाहरण हैं जहां अज्ञात लोग राहुल गांधी के बहुत करीब आ गए. उसी के वीडियो और फोटोग्राफिक सबूत शेयर किए जा सकते हैं.” पार्टी ने कहा है कि हरियाणा पुलिस की खुफिया इकाई के कर्मियों ने यात्रा में घुसपैठ की थी और इस पर शिकायत दर्ज की गई है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई है.
उन्होंने आगे कहा कि भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra) में हम इस विश्वास के साथ आगे बढ़ेंगे कि भविष्य में इस तरह के सुरक्षा उल्लंघनों को दोहराया नहीं जाएगा. साथ ही आप जम्मू-कश्मीर के संवेदनशील राज्यों में प्रवेश करते ही एकता और भाईचारे के संदेश को फैलाने में मदद करेंगे.