साल 2014 का जैसे देश में बीजेपी (BJP) की किस्मत पलटने का आगाज अपने साथ लेकर आया था. 26 मई 2014 में प्रधानमंत्री के तौर पर नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने शपथ ली थी. उस वक्त बीजेपी की स्थिति सूबे की सरकारों में कोई खास नहीं थी.
उस वक्त देश के 28 राज्यों में से केवल 7 राज्यों में बीजेपी अपने गठबंधन एनडीए (NDA) संग सत्ता पर काबिज थी, लेकिन इसके बाद से जैसे इस पार्टी ने पीछे मुड़कर नहीं देखा.
राष्ट्रीय पार्टी कांग्रेस को देश में अल्पसंख्यक के दर्जे में समेटने वाली बीजेपी आज देश के 14 राज्यों की सरकार में काबिज है तो केंद्रशासित प्रदेश पुदुचेरी में गठबंधन में उसकी सरकार है. देश के सबसे ताकतवर सूबे में सरकार रखने वाली बीजेपी साल 2024 में पूरे देश में अपनी सरकारें बनाने का ख्वाब बुन रही है. इसे पूरा करने के लिए उसने पुरजोर तैयारी भी की है.
लोकसभा चुनाव 2024 को पूरे दम-खम से जीतने के लिए उसने मेगा प्लान 144 (Mega Plan 144) बनाया है. इस प्लान को अमलीजामा पहनाने की तैयारी भी जमीनी तौर पर जोर पकड़ने लगी हैं.
चुनौतियां भी कायम हैं
बीजेपी के लिए साल 2019 के लोकसभा चुनावों की तुलना में साल 2024 चुनाव कई मायने में आसान नहीं है. इस बार के लोकसभा चुनावों में उसके लिए स्थिति बदली हुई हैं. पिछले 3 सालों में एनडीए के कई साथी हैं जो उससे दूर जा चुके हैं. रामविलास पासवान की मौत से उबरने में लोकजनशक्ति पार्टी को अभी वक्त लगेगा.
वहीं शिवसेना, शिरोमणि अकाली दल और उसके बाद बिहार में नीतीश कुमार ने जो झटका बीजेपी को दिया है, उसका भी इलाज पार्टी खोज रही है. यही वजह है कि पार्टी इससे पार पाने की पुख्ता रणनीति बना कर चल रही है.
देखा जाए तो बीजेपी के पास अपनी जीत के बीते दौर को बरकरार रखने की जवाबदेही भी है. साल 2019 लोकसभा चुनावों में देश के अधिकांश सूबों में बीजेपी काबिज हुई थी. हिमाचल, त्रिपुरा, अरुणाचल, गुजरात, हरियाणा, उत्तराखंड, राजस्थान, दिल्ली इन 8 राज्यों की सभी सीटें बीजेपी के नाम रहीं थीं.
वहीं मतों की बात की जाए तो ये अच्छा खासा 50 फीसदी से अधिक रहा था. तब महाराष्ट्र जैसे सूबे में 49 में से 39 सीटें एनडीए के खाते में आईं थीं तो एमपी में 29 में से 28 सीटें बीजेपी ने जीती थीं. इन सूबों में बीजेपी सीटों का यहीं आंकड़ा बरकरार रहने की उम्मीद है.
इन सभी चुनौतियों से निपटने के लिए बीजेपी बहुत लंबे वक्त से काम कर रही है. उसका पूरा फोकस साल 2024 में सीटों के इस आंकड़े को बढ़ाने पर है. इसी रणनीति को पार्टी ने मेगा 144 प्लान नाम दिया है.
बीजेपी ने उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, महाराष्ट्र, पंजाब, छत्तीसगढ़, तमिलनाडु जैसे राज्यों की 144 सीटों लिए विशेष तैयारी की है. साल 2019 के चुनावों में बीजेपी को अधिकतर इन सीटों पर ही शिकस्त का सामना करना पड़ा था.
इन सीटों पर जीत का परचम लहराने के लिए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने एक खास बैठक की थी. बीजेपी के लोकसभा चुनाव 2024 में इन सीटों पर फोकस करने की भी एक बड़ी वजह है.
ये वजह है कि जहां बीजेपी 2 या 3 नंबर पर रही और उसे उम्मीद है कि यहां ध्यान देने से वो ये सीटें भी हासिल कर लेगी, इसलिए जीती सीटों के अलावा उसका खास ध्यान इस तरफ भी है. इन सीटों पर पीएम मोदी के करिश्माई चेहरे को भुनाने की कोशिश में इन 144 सीटों पर उनकी मेगा रैली की तैयारी है.
इन सीटों को खास तरीके से समूहों में बांटा गया है और इनकी जिम्मेदारी उस इलाके के असरदार मंत्री को सौंपी गई है. पार्टी ने इसके लिए 25 से अधिक मंत्रियों का एक ग्रुप बनाया गया है.
इन मंत्रियों में से हर एक को समूह की कम से कम 3 या 4 सीटों की जबावदेही दी गई है. ये मंत्री लोकसभा सीटों में आने वाले विधानसभा खंड की राजनीतिक हालात पर नजर रखेंगे.
इन खंडों में मंत्री अक्टूबर साल 2022 से लेकर जनवरी 2023 तक रहकर पार्टी का आधार बेहतर करेंगे. साल 2019 चुनावों में बीजेपी ने इसी आधार पर 303 सीटों पर जीत हासिल की थी और एनडीए के सहयोगियों के संग सीट का ये आंकड़ा 353 पहुंचा था.
बीजेपी का मास्टर प्लान
साल 2024 के लिए बीजेपी ने मास्टर प्लान बनाया है. इस प्लान मेंपश्चिम बंगाल, तेलंगाना, महाराष्ट्र, पंजाब, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार, तमिलनाडु जैसे सूबों की 144 सीटों पर फोकस किया गया है. ये अधिकतर वो सीट है जहां बीजेपी को साल 2019 में मात खानी पड़ी थी. इसमें सबसे अधिक सीट पश्चिम बंगाल में है तो दूसरे नंबर दक्षिण भारत के राज्यों की सीट का है. इन सीटों पर साल 2024 में जीत हासिल करने के लिए पार्टी कमर कस चुकी हैं. इन सीटों के लिए खास प्लान बनाया है और इसे लेकर पार्टी की बैठक भी हो चुकी हैं.
विधानसभा चुनावों पर भी नजर
लोकसभा चुनाव 2024 से पहले साल 2022 और 23 में विधानसभा चुनाव भी लाइन में हैं. साल 2022 के आखिर में गुजरात और हिमाचल में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं तो साल 2023 में मेघालय, नगालैंड, त्रिपुरा, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, मिजोरम, राजस्थान तेलंगाना में विधान सभा चुनावों का बिगुल बजेगा. इन चुनावों में राजस्थान में जीत हासिल करने की बीजेपी की पूरी कोशिश रहेगी. उधर दूसरी तरफ तेलंगाना में केसीआर को पटखनी देना भी पार्टी का अहम मकसद होगा. इन विधानसभा चुनावों में बीजेपी लोकसभा चुनावों के लिए भी आधार तय करेगी. साल 2024 के चुनावों में अपने रुतबे को कायम करने के लिए बीजेपी दक्षिण के राज्यों में विधानसभा चुनावों के जरिए अपनी पकड़ मजबूत करने की पूरी तैयारी में है.
बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल जनवरी 2023 में खत्म होने जा रहा है. माना जा रहा है कि उनके अनुभव और संगठन में उनके काम को देखते हुए पार्टी का संसदीय बोर्ड के उनके कार्यकाल को बढ़ाने की तैयारी में हैं. हिमाचल प्रदेश के इस लो प्रोफाइल में रहने वाले 61 साल के नेता को पार्टी बेहद अहम मानती है. उन्हें समन्वय बनाने और रणनीति को लागू करने में माहिर माना जाता है. उनके अगुवाई में बीजेपी ने कई चुनावों में जीत हासिल की है. इनमें यूपी, उत्तराखंड और बिहार जैसे राज्य शामिल हैं.