टुडे गुजराती न्यूज (ऑनलाइन डेस्क)
गुजरात में AAP के दो दिग्गज हुए ढ़ेर, अध्यक्ष गोपाल इटिलाया और CM उम्मीदवार इसुदान गढ़वी को मिली शिकस्तभारत क्या एक बार फिर कर सकता है फ्रांस के साथ रफाल फाइटर जेट का सौदा. ये सवाल इसलिए क्योंकि भारत को स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर, आईएनएस विक्रांत के लिए 26 लड़ाकू विमानों की जरूरत है और इससे जुड़ी एक खास रिपोर्ट नौसेना ने रक्षा मंत्रालय को सौंपी है.
भारतीय नौसेना को अपने स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर, आईएनएस विक्रांत के लिए डेक-वेस्ड लड़ाकू विमान चाहिए. क्योंकि स्वदेशी लड़ाकू विमान, टीईडीबीए (टूइन इंजन डेक बेस्ड फाइटर) को बनने में अभी 8-10 साल लग सकते हैं इसलिए नौसेना ने कुछ महीने पहले विक्रांत के लिए दुनिया के दो बेहतरीन फाइटर जेट, फ्रांस के रफाल (एम) और अमेरिका के एफ-18 ए ‘सुपर होरनेट’ को ट्रायल के लिए गोवा बुलाया था.
नौसेना ने रक्षा मंत्रालय को सौपी रिपोर्ट
सूत्रों के मुताबिक, ट्रायल के बाद नौसेना ने अपनी रिपोर्ट रक्षा मंत्रालय को सौंप दी है जिसमें कहा गया है कि सुपर होरनेट से रफाल ‘बीस’ साबित हुआ है. यानि दोनों ही फाइटर जेट विक्रांत के लिए ठीक हैं लेकिन रफाल (एम) का साइज विक्रांत के लिए ज्यादा मुनासिब है. क्योंकि वायुसेना पहले से ही रफाल इस्तेमाल कर रही है, ऐसे में संभावना रफाल (एम) की बन जाती हैं. हालांकि, ये अब रक्षा मंत्रालय (सरकार) को तय करना है कि नौसेना के लिए कौन सा फाइटर जेट खरीदा जाएगा. रफाल (एम) वायुसेना द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे रफाल लड़ाकू विमान का मरीन वर्जन है. नौसेना को विक्रांत के लिए 26 फाइटर जेट की जरूरत है.
नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरिकुमार ने कहा
नेवी-डे से ठीक एक दिन पहले ही नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरिकुमार ने राजधानी दिल्ली में खुद बताया था कि दोनों विदेशी फाइटर जेट के ट्रायल पूरे हो चुके हैं और रिपोर्ट की समीक्षा की जा रही है.