टुडे गुजराती न्यूज (ऑनलाइन डेस्क)
दक्षिण गुजरात की वीर नर्मद यूनिवर्सिटी ने न्यू एजुकेशन पॉलिसी के तहत प्रवेश प्रक्रिया शुरू की है। इसमें 12वीं से सीधे 4 वर्ष के लिए प्रवेश दिया जाएगा। हालांकि अभी यह नियम सिर्फ बैचलर ऑफ कंप्यूटर एप्लीकेशन के लिए लागू किया गया है। अन्य कोर्सों के लिए भी यह नियम लागू करने की तैयारी चल रही है।
एक साथ पॉलिसी लागू नहीं कर रहे विवि
राज्य की यूनिवर्सिटीज न्यू एजुकेशन पॉलिसी को अपने-अपने तरीके से लागू कर रही हैं। इसका नुकसान छात्रों को उठाना पड़ रहा है। किस यूनिवर्सिटी में न्यू पॉलिसी के तहत कोर्स चल रहा है या पुरानी पॉलिसी के तहत, इसकी जानकारी छात्रों को नहीं होती है। दूसरे राज्यों की यूनिवर्सिटी छात्रों को यहां के नियम के मुताबिक प्रवेश नहीं दे रही हैं।
छात्र एक साथ दो अलग-अलग विषयों में प्रवेश ले सकते हैं
डबल एंट्री सिस्टम के तहत छात्र एक साथ दो अलग-अलग विषयों में प्रवेश ले सकते हैं। यानी एक साथ ग्रेजुएशन के दो कोर्स कर सकते हैं। ग्रेजुएशन के लिए आवेदन मंगाए गए हैं। यदि कोई छात्र किसी विषय की पढ़ाई कर रहा है, तो वह दूसरे कोर्स के लिए आवेदन कर सकता है। कई विषयों में प्रैक्टिकल की पढ़ाई भी शामिल कर दी गई है। इनमें ह्यूमन रिसोर्स, एमएसडब्ल्यू, बैचलर ऑफ कॉमर्स, बैचलर ऑफ कंप्यूटर एप्लीकेशन और बैचलर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन शामिल हैं। छात्रों को थियरी की पढ़ाई के साथ प्रैक्टिकल भी करने को मिलेगा।
अन्य कोर्सेज के लिए मंजूरी की प्रक्रिया जारी
चार वर्ष के ग्रेजुएशन का नियम भी लागू कर दिया गया है। हालांकि अभी यह सिर्फ बीसीए के लिए लागू किया गया है। अन्य कोर्स के लिए मंजूरी की प्रक्रिया चल रही है। यदि कोई छात्र 3 वर्ष पढ़ाई करेगा तो उसे ग्रेजुएशन की डिग्री मिल जाएगी। अगर चौथे वर्ष भी ग्रेजुएशन की पढ़ाई करता है तो वह ऑनर्स में शामिल हो जाएगा। उसके बाद यदि उसके प्रतिशत सीजीपीए के आधार पर बराबर हैं तो उसे पोस्ट ग्रेजुएशन करने की आवश्यकता नहीं है। उसे डायरेक्ट पीएचडी में प्रवेश का मौका मिल सकता है। यदि सीजीपीए के आधार पर नंबर बराबर नहीं है तो 1 वर्ष की ही पीजी करनी पड़ेगी।
न्यू एजुकेशन पॉलिसी छात्रों के लिए बहुत अच्छी है। हालांकि इसके कुछ नुकसान भी हैं। अगर यह एक साथ सभी यूनिवर्सिटीज में लागू की जाती है तो छात्रों को फायदा मिल पाएगा। -वैभव माटली, रिटायर्ड प्रोफेसर