आबकारी नीति घोटाला मामले में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। उनका कथित सहयोगी आरोपी दिनेश अरोड़ा सरकारी गवाह बन सकता है। दिनेश अरोड़ा ने सोमवार को कहा कि वह मामले में सरकारी गवाह बनने पर सहमत है और अपनी भूमिका के बारे में सही जानकारियां देने को तैयार है। उसने बताया कि मैंने सीबीआई जांच में भी सहयोग किया है और जांच अधिकारी के सामने सही बयान दिए हैं। मैंने संबंधित तथ्यों और घटनाओं की बाबत एसीएमएम (ACMM, Additional Chief Metropolitan Magistrate) के समक्ष इकबालिया बयान भी दिए हैं।दिल्ली की विशेष सीबीआई अदालत दिनेश अरोड़ा को सरकारी गवाह बनाने की केंद्रीय जांच ब्यूरो (Central Bureau of Investigation, CBI) की अपील पर अपना आदेश सुना सकती है। अरोड़ा ने कहा कि मैंने सीबीआई के आवेदन को देखा है। सीबीआई की ओर से यह आवेदन मुझे क्षमादान के अनुरोध के साथ दायर किया गया है क्योंकि मैं स्वेच्छा से मामले से संबंधित तथ्यों का खुलासा करने के लिए तैयार हूं।
कोर्ट के सवाल पर दिनेश अरोड़ा ने कहा- मैं बिना किसी दबाव के ऐसा कर रहा हूं। मैं उन शर्तों का पालन करने के लिए तैयार हूं जो अदालत मुझ पर लगा सकती है। मैं मामले में क्षमा दिए जाने का अनुरोध करता हूं। अदालत ने संज्ञान लिया कि दिनेश अरोड़ा ने उचित शर्तों पर क्षमा मांगी, क्योंकि वह इस मामले के संबंध में सभी तथ्यों का खुलासा करने के लिए तैयार है। अरोड़ा के वकील ने सोमवार को बंद कमरे में सुनवाई की गुजारिश की।वकील ने कहा कि यह एक संवेदनशील मामला है। मीडिया को इससे बाहर रखा जाना चाहिए। सीबीआई ने बंद कमरे में सुनवाई किए जाने के आवेदन का विरोध नहीं किया। विशेष सीबीआई न्यायाधीश एमके नागपाल ने कहा कि वह सीबीआई की ओर से प्रस्तुत किए गए आवेदन को देख रहे हैं। वह कैमरे की नजर में अदालती कार्यवाही की मांग पर भी आदेश पारित करेंगे।
विशेष न्यायाधीश एमके नागपाल ने अदालत में दिनेश अरोड़ा की शपथ पर संज्ञान लेने के बाद माफी की याचिका पर बहस के लिए मामले को 14 नवंबर के लिए टाल दिया। अदालत ने नोट किया कि आरोपी दिनेश आरोड़ा ने स्वेच्छा से मामले के बारे में खुलासा करने को तैयार है। उसने बिना किसी दबाव के ऐसा किया है।
अदालत सीबीआई की उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें दिनेश अरोड़ा को दिल्ली आबकारी नीति मामले में सरकारी गवाह बनाए जाने की मंजूरी मांगी गई है। सीबीआई ने मामले में व्यवसायी दिनेश अरोड़ा को गवाह बनाने के लिए सीआरपीसी 306 के तहत याचिका दायर की।
सनद रहे सीबीआई ने इस मामले में आरोड़ा की जमानत याचिका का विरोध नहीं किया था। कुछ दिन पहले अदालत ने दिनेश अरोड़ा को अग्रिम जमानत दी थी। अरोड़ा की ओर से अग्रिम जमानत की अर्जी तब दायर की गई थी जब सीबीआई ने विजय नायर को गिरफ्तार किया था और ईडी ने समीर महेंद्रू को गिरफ्तार किया था।
मालूम हो कि पिछले महीने लगभग नौ घंटे तक की पूछताछ में मनीष सिसोदिया ने सभी आरोपों से इनकार कर दिया था। उन्होंने भाजपा पर दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार को गिराने के आरोप लगाए। उन्होंने कहा था कि दिल्ली में किसी घोटाले का कोई मुद्दा नहीं है… पूरा मामला फर्जी है। मामला मेरे खिलाफ किसी घोटाले की जांच का नहीं बल्कि दिल्ली में ऑपरेशन लोटस को सफल बनाने का है।
दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने आबकारी नीति में कथित भ्रष्टाचार की शिकायतों के बाद सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। सिसोदिया को दिल्ली सरकार के तत्कालीन आबकारी विभाग के प्रभारी के कारण प्राथमिक आरोपी के रूप में नामित किया गया था। आम आदमी पार्टी ने सिसोदिया के खिलाफ इस मामले को फर्जी करार दिया था। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया था कि भाजपा हिमाचल प्रदेश और गुजरात में आम आदमी पार्टी की बढ़त को रोकने के लिए इसे सियासी हथकंडे के तौर पर इस्तेमाल कर रही है।