सूर्यग्रहण के दौरान हमें कुछ भी खाने को मना किया जाता है. हिंदू धर्म में ऐसा माना जाता है कि ग्रहण के दौरान भोजन नहीं करना चाहिए और धार्मिक पुराणों में भी इसका उल्लेख है. सूर्यग्रहण के समय भोजन करने को मना करने पर आपके मन में भी यह सवाल आता है कि ऐसा क्यों होता है? सूर्यग्रहण के दौरान भोजन करने से क्या होता है? आइए आज जानते हैं इसके पीछे की वजह और साथ ही वैज्ञानिक महत्व को भी…
शास्त्रों में भी है इसका जिक्र
सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse) या चंद्र ग्रहण (Lunar Eclipse) के दौरान सभी लोगों को कुछ भी खाने से बचने की सलाह दी जाती है. इसका जिक्र शास्त्रों में भी है. पवित्र स्कंदपुराण में उल्लेखित है कि सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse) के दौरान भोजन करने से स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है. साथ ही स्कंदपुराण में यह भी बताया गया है कि इस दौरान कुछ भी खाने से मनुष्य के सारे पुण्य कर्म भी नष्ट हो जाते हैं
स्नान के बाद ही करना चाहिए भोजन
सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse) के बाद स्नान कर के ही कुछ भी खाने की सलाह दी जाती है. ऐसा माना जाता है कि ग्रहण के दौरान बहुत से जीवाणु वातावरण में होते हैं और वे शरीर में चिपक जाते हैं. ऐसे में कुछ भी खाने से पहले स्नान करना जरूरी होता है. ये जीवाणु स्नान करने के बाद ही शरीर से निकलते हैं. इसलिए, सूर्यग्रहण के समय कुछ भी खाने से पहले स्नान करने की मान्यता है.
ग्रहण के दौरान भोजन का वैज्ञानिक महत्व
ग्रहण (Eclipse) के समय वैज्ञानिक भी भोजन करने से बचने की सलाह देते हैं. खगोलविदों और वैज्ञानिकों का कहना है कि सूर्य ग्रहण या चंद्र ग्रहण के दौरान कुछ हानिकारक विकिरण वातावरण में मिलकर पृथ्वी पर पहुंचती हैं. ग्रहण के समय ये बैक्टीरिया भोजन में जल्दी फैलते है और कई तरह की बीमारियों का कारण बन सकते हैं. इसलिए ग्रहण के दौरान कुछ भी खाने से बचने को कहा जाता है.
भारत में सूर्य ग्रहण का समय
भारत में आज यानि 25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse) आंशिक रूप से शाम करीब 4 बजे दिखाई देगा. जानकारी के अनुसार, सूर्य ग्रहण 2:29 बजे से शाम 6:32 तक रहेगा. इसकी अवधि लगभग 4 घंटे रहेगा. यह ग्रहण दिल्ली, चेन्नई, बेंगलुरु, कोलकाता, उज्जैन, वाराणसी और मथुरा से देखा जा सकता है.