टुडे गुजराती न्यूज (ऑनलाइन डेस्क)
तंबाकू एक पौधा होता है, जिसकी पत्तियों को विभिन्न प्रकार के इफेक्ट्स के लिए स्मोक, चबाया या सूंघा जाता है. तंबाकू में एक केमिकल निकोटीन होता है, जो एक अडिक्टिव सब्सटांस है. स्मोकिंग करने से शरीर पर गलत प्रभाव पड़ता है. इनमें से कुछ से जानलेवा कॉम्प्लीकेशन्स भी हो सकती हैं. स्मोकिंग करने से रेस्पिरेटरी सिस्टम, सर्कुलेटरी सिस्टम, रीप्रोडक्टिव सिस्टम, स्किन, आंखों आदि पर बुरा असर हो सकता है. यही कारण है कि स्मोकिंग को एक बुरी आदत माना गया है. ऐसा कहा जाता है कि स्मोकिंग से डायबिटीज बदतर हो सकती है. लेकिन, इसके कई अन्य परेशानियां भी हो सकती हैं. आइए जानें स्मोकिंग करने के साथ किन अन्य समस्याओं का रिस्क भी बढ़ जाता है.
स्मोकिंग से बढ़ सकता है इन परेशानियों का रिस्क
हेल्थलाइनके अनुसार तंबाकू का सेवन करना सेहत के लिए नुकसानदायक है. स्मोक करने का कोई सुरक्षित तरीका नहीं है. सिगरेट को सिगार, पाइप और हुक्का से रिप्लेस करके हेल्थ रिस्क्स को कम नहीं किया जा सकता है. स्मोकिंग से यह समस्याएं हो सकती हैं:
लंग डैमेज- स्मोकिंग करने से सबसे बुरा प्रभाव लंग्स पर पड़ता है. क्योंकि, इससे स्मोकर निकोटीन को इंहेल कर लेते हैं. जिससे क्रोनिक ऑब्स्ट्रक्टिव पल्मोनरी डिसऑर्डर के डेवलप होने का रिस्क बढ़ जाता है.
हार्ट डिजीज- स्मोकिंग से हार्ट, ब्लड वेसल्स और ब्लड सेल्स डैमेज हो सकते हैं. सिगरेट में मौजूद केमिकल्स और टार से एथेरोस्क्लेरोसिस का रिस्क बढ़ सकता है, जिससे ब्लड वेसल्स में प्लाक बिल्डअप होता है. इस बिल्डअप से ब्लड फ्लो लिमिट होता है और ब्लॉकेज हो सकती है.
फर्टिलिटी प्रॉब्लम्स- स्मोकिंग से महिलाओं का रीप्रोडक्टिव सिस्टम डैमेज हो सकता है और इससे उनका प्रेग्नेंट होना मुश्किल हो सकता है. ऐसा इसलिए है क्योंकि सिगरेट में मौजूद तंबाकू और अन्य सिगरेट से हॉर्मोन लेवल प्रभावित होता है.
कमजोर इम्यून सिस्टम- स्मोकिंग करने से इम्यून सिस्टम को कमजोर हो सकता है, जिससे बीमारियों का जोखिम बढ़ जाता है. इससे शरीर में सूजन भी बढ़ सकती है.
कैंसर- स्मोकिंग करने से लंग कैंसर के साथ ही अन्य कैंसरस का जोखिम भी बढ़ सकता है. ऐसा माना जाता है कि स्मोकिंग करने वाले लोगों में, न स्मोकिंग करने वाले लोगों की तुलना में तीन गुना ब्लैडर कैंसर का जोखिम बढ़ जाता है. इसके साथ ही उनमें माउथ कैंसर, थ्रोट कैंसर, किडनी कैंसर, लिवर कैंसर, कोलन कैंसर आदि का रिस्क भी बढ़ता है.