टुडे गुजराती न्यूज (ऑनलाइन डेस्क)
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने ट्वीट कर कहा कि वैश्विक स्तर पर कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनजर देश भर के विभिन्न हवाई अड्डों पर रैंडम COVID-19 परीक्षण शुरू हो गया है.चीन और कई अन्य देशों में कोरोना वायरस के मामलों में बढ़ोतरी के बीच भारत सरकार ने प्रत्येक उड़ान में कुल यात्रियों के दो प्रतिशत का आगमन के बाद हवाई अड्डे पर रैंडम परीक्षण कराने का फैसला किया.मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि हवाईअड्डा परिचालकों को अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की रैंडम जांच के लिए आवश्यक ढांचा तैयार करना होगा. इस बारे में नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) को सूचना दे दी गई. इसकी प्रति सभी अनुसूचित वाणिज्यिक एयरलाइंस को भी भेजी गई. सूचना में बताया गया, ‘हवाई अड्डे के संचालक अपने संबंधित हवाई अड्डों पर अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के रैंडम परीक्षण की सुविधा के लिए जरूरी बुनियादी ढांचा तैयार करेंगे.’कोरोना वायरस के बीएफ.7 स्वरूप को लेकर जारी आशंकाओं को दूर करते हुए एक प्रमुख वैज्ञानिक ने शुक्रवार को कहा कि बीएफ.7 ओमिक्रोन स्वरूप का एक उपस्वरूप है और भारत को अपनी आबादी पर इसके संभावित प्रकोप को लेकर ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है.बेंगलुरु स्थित टाटा इंस्टीट्यूट फॉर जेनेटिक्स एंड सोसाइटी (टीआईजीएस) के निदेशक राकेश मिश्रा ने ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में हालांकि, आगाह किया कि मास्क पहनने और भीड़ में अनावश्यक जाने से बचने की सलाह को हमेशा मानना चाहिए.उन्होंने कहा, ‘‘बीएफ.7 ओमिक्रोन का एक उपस्वरूप है। कुछ छोटे बदलावों को छोड़कर मुख्य संरचना ओमिक्रोन की तरह ही होगी. इसमें कोई बड़ा अंतर नहीं है। हम में से अधिकांश ओमिक्रोन लहर से गुजर चुके हैं। इसलिए हमें इसके बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं है.