टुडे गुजराती न्यूज (ऑनलाइन डेस्क)
गुजरात के 89 विधानसभा सीटों के लिए प्रचार प्रसार आज (29 नवंबर) को थम जाएगा. यहां पहले चरण का मतदान 1 दिसंबर को होगा. पहले चरण के मतदान में कई दिग्गज चेहरे चुनावी रण में उतर रहे हैं. इस बार के चुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) के आ जाने से मुकाबला त्रिकोणीय और दिलचस्प हो गया है. गुजरात में बाकी के 93 विधानसभा सीटों पर मतदान 5 दिसंबर को होगा. इस चुनाव के नतीजे तीन दिन बाद 8 दिसंबर को आएंगे.
आज हम आपको बीजेपी के बड़े नेता पुरुषोत्तम सोलंकी के बारे में बताने जा रहे हैं.
गुजरात बीजेपी के बड़े नेता और पूर्व मंत्री पुरुषोत्तम सोलंकी को पहले चरण के मतदान में भावनगर ग्रामीण से चुनावी रण में उतारा गया है. इस चुनाव में बीजेपी ने एक परिवार एक टिकट वाले नियम को भी दरकिनार करके इन्हें टिकट दिया गया है. सोलंकी गुजरात में 5 बार के विधायक रह चुके हैं. उन्होंने साल 2012 और 2017 में यह सीट जीता था. सोलंकी को कोली समुदाय का बड़ा नेता माना जाता है. इसलिए बीजेपी इस बार कोई भी जोखिम नहीं उठाना चाहती थी. कोली समुदाय का प्रभाव कुल 34 विधानसभा सीटों पर है.
साल 1998 के विधानसभा चुनाव में उन्हें बीजेपी ने घोसी विधानसभा सीट से टिकट दिया और सोलंकी उस सीट को जीते थे. उसके बाद वह 2 बार और उस सीट से विधायक चुने गए . साल 2012 में बीजेपी ने उन्हें भावनगर ग्रामीण से टिकट दिया, सोलंकी उस सीट को भी जीत गए. इसके बाद पार्टी ने उन्हें 2017 विधानसभा चुनाव में एक बार फिर उसी सीट से टिकट दिया. सोलंकी लगातार 5 बार से विधायक चुनते आएं हैं. यही कारण है कि पार्टी ने उनका खराब स्वास्थ्य होने के बावजूद उन्हें इस बार भी टिकट दिया है.
भाई को भी मिला पार्टी से टिकट
पुरुषोत्तम सोलंकी ने 1996 में निर्दलीय सांसद का चुनाव लड़ा था, उस चुनाव को वह बीजेपी के प्रत्याशी राजेंद्र सिंह राणा से करीब 70 हजार वोटों से हार गए थे. पुरुषोत्तम सोलंकी को पार्टी ने स्टार प्रचारक भी बनाया है. पूर्व मंत्री सोलंकी का कुछ साल पहले ही किडनी ट्रांसप्लांट हुआ था. गुजरात के अमरेली जिले के राजुला विधानसभा सीट से इनके भाई हीरा सोलंकी को बीजेपी ने टिकट दिया है.