टुडे गुजराती न्यूज (ऑनलाइन डेस्क)
दिल्ली-एनसीआर समेत देश के महानगरों में अब एलपीजी सिलेंडर की तुलना में पाइप्ड नैचुरल गैस (PNG) की डिमांड काफी बढ़ गई है। यह गैस सिलेंडर की तुलना में काफी सस्ती और सुरक्षित है। यही वजह है कि शहरी क्षेत्र के अधिकांश घरों में आपको पीएनजी कनेक्शन देखने को मिलेगा। पीएनजी गैस के बारे में तो आपने कई बार पढ़ा होगा, लेकिन आज हम आपको बताएंगे कि पीएनजी का मीटर किस तरह काम करता है और कैसे पीएनजी गैस का बिल तैयार होता है।हर दो महीने में एक बार ली जाती है मीटर रीडिंग
पीएनजी बिलिंग के तहत मीटर रीडर कंज्यूमर के घर से हर 2 महीने में एक बार रीडिंग लेता है। इसके अलावा सेल्फ बिलिंग की भी सुविधा उपलब्ध होती है। यह एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें ग्राहक आईजीएल कनेक्ट ऐप के माध्यम से मीटर रीडिंग पंच करके अपनी बिलिंग शुरू कर सकते हैं। आप गूगल प्ले स्टोर और एप्पल स्टोर से IGL कनेक्ट डाउनलोड कर सकते हैं।
सेल्फ बिलिंग का प्रोसेस जानिए
सबसे पहले अपने BP नंबर और रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर का उपयोग करके IGL कनेक्ट ऐप में लॉग इन करें। इससे पहले आप यह सुनिश्चित कर लें कि आप रजिस्टर्ड ईमेल आईडी पर फास्ट प्रोसेसिंग और बिल डिलीवरी के लिए ई-बिल सब्सक्राइबर हैं। यह प्रक्रिया पूरी होने पर ही ‘Self Billing’ पर क्लिक करें। मीटर रीडिंग डालें। मीटर की रियल-टाइम क्लियर तस्वीर अपलोड करें और सबमिट करें। इसके बाद आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर बिल की अमाउंट आ जाएगी। कभी-कभी एक या दो घंटे में बिल अमाउंट आपके मोबाइल पर आ जाता है तो कभी-कभी एक या दो वर्किंग डे पर बिल अमाउंट के बारे में आपको पता चलता है। IGL की वेबसाइट के मुताबिक, IGL कनेक्ट मोबाइल ऐप से सेल्फ बिलिंग ऑप्शन का इस्तेमाल कर भुगतान करने वालों को पीएनजी बिल में 15 रुपये की छूट मिलती है।
जानें क्या है SCM
कभी भी यूजर्स को एक भी दिन कुकिंग गैस इस्तेमाल ना करने के बाद भी गैस बिल चुकाना पड़ा है। इसलिए ये जरूरी है जानना कि किस आधार पर गैस बिल तैयार किया जाता है। गैस का बिल SCM ( Standard Cubic Meter) के आधार पर तैयार किया जाता है। इस उदाहरण से समझिए कैसे तैयार होता है बिल। मान लीजिए किसी यूजर ने 2 महीने की बिलिंग साइकिल में 4 SCM से भी कम कुकिंग गैस का इस्तेमाल किया है। तब भी कंज्यूमर को PNG के लिए पहले से तय किए गए 4scm के लिए मिनिमम अमाउंट तो देना होगा। एससीएम से बिल की अमाउंट का निर्धारण होता है। एससीएम की दरें हर दो महीने में बदलती रहती है। एससीएम के डिजिट आपके मीटर में दिखाई देते हैं। इन नंबरों के आधार पर बिल की गणना होती है।
घर के किस हिस्से में लगाए मीटर
गैस मीटर सामान्य रूप से दीवार पर फिट किया जाता है। जहां तक संभव हो बिजली की एमसीवी और पीएनजी मीटर के बीच तांबे के पाइप का उपयोग नहीं किया जाना चाहिए। मीटर लगाने के लिए किचन सबसे बेहतर जगह मानी जाती है। मीटर ऐसे जगह पर लगना चाहिए जहां किसी प्रकार की वस्तुओं को स्टोर नहीं किया गया हो। मीटर को सामान्य तौर पर ऊंचे स्थान पर लगाया जाना चाहिए, इससे मीटर के रखरखाव में आसानी होती है।
जानिए क्या है पीएनजी गैस
PNG का पूरा नाम Piped Natural Gas है। PNG का दाब ( 4 bar से 21mili bar) तक होता है। PNG का प्रयोग डोमेस्टिक, इंडस्ट्री और कमर्शियल कारणों के लिए किया जाता है। PNG का प्रयोग पाइप लाइन के जरिये होता है और ये सेवा 24/7 उपलब्ध रहती है। PNG में cylinder की आवश्यकता नहीं होती है। PNG नेचुरल गैस हैं। सीएनजी की तुलना में पीएनजी अधिक सुरक्षित है। इससे घरों में गैस लीकेज होने पर भी आग लगने आशंका कम रहती है।