टुडे गुजराती न्यूज (ऑनलाइन डेस्क)
Anti Inflammatory Diet: इंफ्लेमेशन शरीर को बीमारियों से लड़ने और उसे सुरक्षित रखने में मददगार होती है। इसलिए इसे ट्रीटमेंट प्रोसेस का एक हिस्सा कहना गलत नहीं होगा। लेकिन कई बार हमारा इम्यून सिस्टम अपना काम ढंग से नहीं कर पाता है। नतीजन इंफ्लेमेशन का स्तर घटने लगता है। क्रॉनिक इंफ्लेमेशन की समस्या सोरायसिस, आर्थराइटिस और अस्थमा जैसी बीमारियों के कारण होती है। इस बात के प्रमाण हैं कि डाइट में जरूरी बदलाव के साथ इंफ्लेमेशन के लक्षणों को मैनेज किया जा सकता है।
क्या होती है एंटी इनफ्लेमेटरी डाइट?
एक एंटी इनफ्लेमेटरी डाइट में प्लांट बेस्ड चीजें जैसे कि फल, सब्जियां और ओमेगा-3 फैटी एसिड वाले फूड शामिल होते हैं। इसके अलावा इसमें साबुत अनाज, लीन प्रोटीन, हेल्दी फैट और तरह-तरह के मसाले भी शामिल रहते हैं। एंटी इनफ्लेमेटरी डाइट से प्रोसेस्ड फूड, रेड मीट और अल्कोहल जैसी चीजों को दूर रखा जाता है।
डॉक्टर्स कहते हैं कि अनहेल्दी चीजें बॉडी में फ्री रेडिकल्स के निर्माण को बढ़ावा देती हैं। बार-बार इस्तेमाल में लाए जाने वाला कुकिंग ऑयल इसका एक स्पष्ट उदाहरण है। हालांकि इसके अलावा भी कई अन्य ऐसे कारक हैं जो फ्री रेडिकल्स की संख्या को बढ़ाते हैं, जैसे तनाव और धूम्रपान। फ्री रेडिकल्स हमारी कोशिकाओं को डैमेज करते हैं। ये डैमेज ही शरीर में इंफ्लेमेशन से जुड़ी समस्या की असल वजह होता है।