टुडे गुजराती न्यूज (ऑनलाइन डेस्क)
सभी नंबरों में 13 नंबर सबसे ज्यादा चर्चा में रहता है। न्यूरोलॉजी के हिसाब से 13 नंबर अशुभ होता है। कई लोग इसे बुरे भाग्य का प्रतीक भी मानते हैं। आज तक लोगों में 13 नंबर को लेकर ऐसा फोबिया है, कि लोग न तो 13 नंबर के होटल रूम में रुकना चाहते हैं और न ही 13 तारीख को कोई नया काम शुरू करना चाहते हैं। कई शहरों में आज भी होटलों में 13 नंबर कमरा नहीं होता। अगर आप ट्रेवलिंग के दौरान होटलों में ठहरते हैं, तो आप अलग-अलग फ्लोर पर भी रूम बुक कराते होंगे। लेकिन क्या आपने कभी गौर किया है कि होटलों में कमरा नंबर 13 नहीं होता। कई होटलों में तो 13वीं मंजिल तक नहीं होती। इस वजह से लिफ्ट में भी 12 के बाद सीधे 14वीं मंजिल पर जाने के लिए बटन दबाना पडता है। तो आखिर 13 नंबर को लेकर ऐसा क्या रहस्य है, जिससे हम अब तक अनजान हैं।
आपको जानकर हैरत होगी, लेकिन पश्चिमी देशों में भी लोग शुभ अशुभ पर विश्वास करते हैं। लोगों के अनुसार, 13 नंबर बहुत अशुभ है। 13 नंबर को लेकर लोगों में एक तरह का डर बना रहता है, जिसे ट्रिस्काइडे फोबिया कहते हैं।
इस कहानी का सच्चाई से कोई वास्ता है या नहीं, कोई नहीं जानता। लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स की मानें, तो ईसा मसीह को एक बार एक किसी ने धोखा दे दिया था। उस व्यक्ति ने यीशु के साथ बैठकर खाना खाया था। संयोग की बात है कि वो व्यक्ति 13 नंबर कुर्सी पर बैठा था। इस घटना के बाद से 13 नंबर को विदेशों में विश्वासघात का प्रतीक माना जाने लगा है।शायद आपको सुनकर हंसी आए, लेकिन 13 नंबर का फोबिया यहीं खत्म नहीं होता। बात अगर फ्रांस की करें, तो यहां के होटल और रेस्टोरेंट में 13 नंबर की कुर्सी नहीं होती। बड़ा अजीब है, लेकिन यहां के लोग इसका पालन करते हैं और अपने होटल में 13 नंबर की कुर्सी रखने से बचते हैं। उन्हें कहीं न कहीं डर रहता है, कि ऐसा करने से कहीं उनके साथ कुछ गलत न हो जाए।
वहीं अगर आप कभी चंडीगढ़ गए है या वहां के रहने वाले हैं, तो आपने देखा होगा सेक्टर 12 के बाद सीधे सेक्टर 14 होता है। इस संबंध में बताया जाता है कि नगर का मानचित्र तैयार करने वाले वास्तुविद ने भी 13 नंबर को अशुभ माना था।