गुजरात में सियासी बिसातें बिछ गई हैं, 1 और 5 दिसंबर को यहां मतदान होने हैं जिसके बाद उम्मीदवारों का भविष्य इवीएम में कैद हो जाएगा. 8 दिसंबर को गुजरात विधानसभा के परिणाम आएंगे, लेकिन यह बाद की बात है. फिलहाल गुजरात में कुछ ऐसी विधानसभा सीटें जिसपर भाई अपने सगे भाई के खिलाफ, ननद सगी भाभी के खिलाफ तो वहीं बेटा अपने बाप के खिलाफ चुनाव लड़ रहा है. गुजरात में ऐसे प्रत्याशियों ने चुनाव को दिलचस्प बना दिया है.
ऐसी ही सीट है भरुच जिले की अंकलेश्वर. यह सीट बीजेपी की सुरक्षित सीट मानी जाती है, मगर कांग्रेस ने अपने एक दांव से बीजेपी की इस सीट को दिलचस्प बना दिया है. दरअसल, बीजेपी ने यहां से अपने सीटिंग विधायक ईश्वर सिंह पटेल को टिकट दिया है तो वहीं कांग्रेस ने ईश्वर सिंह पटेल के घर में ही सेंधमारी कर दी है. कांग्रेस ने सीटिंग विधायक के सगे छोटे भाई विजय सिंह पटेल को ही टिकट देकर मैदान में उतार दिया है. अब दोनों सगे भाइयों के सामने-सामने होने से लोगों की नजरें इस सीट पर टिक गई हैं.
रविंद्र जडेजा की बहन भाभी के विरोध में
जामनगर उत्तर सीट से बीजेपी ने भारतीय क्रिकेटर रविंद्र जडेजा की पत्नि रीवाबा सोलंकी को अपना उम्मीदवार बनाया है. मगर, रीवाबा सोलंकी की ननद और जडेजा की बड़ी बहन नैना उनका खुलकर विरोध कर ही हैं. नैना कांग्रेस उम्मीदवार दीपेंद्र सिंह जडेजा के समर्थन में हैं और उनके लिए वोट मांग ही हैं. दरअसल, नैना गुजरात महिला कांग्रेस की महामंत्री हैं, साथ ही जामनगर में उनका अच्छा प्रभाव है. ऐसे में ननद औ भाभी की सिसासी लड़ाई काफी दिलचस्प बन गई है.
झगड़िया सीट पर बाप-बेटे की लड़ाई
वहीं, सूरत जिले की झगड़िया विधानसभा सीट पर भी बाप-बेटे के बीच रोमांचक लड़ाई है. यह सिसासी लड़ाई और किसी के नहीं बल्कि गुजरात के जाने-माने नेता और भारतीय ट्राईबल पार्टी (बीटीपी) के मुखिया छोटू भाई वसावा और उनके बेटे महेश वसावा के बीच है. झगड़िया सीट से छोटू भाई वसावा बीटीपी के उम्मीदवार हैं तो वहीं उनके बेटे महेश वसावा जनता दल यू से उम्मीदवार हैं. झगड़िया सीट पर बाप बेटे के बीच की यह लड़ाई भी लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर रही है.