गुजरात और हिमाचल में आगामी विधानसभा के चुनावों की तारीखों का ऐलान हो चुका हैं. ऐसे में किसी भी पार्टी के नेता के लिए यह बेहद आवश्यक हो जाता है कि उसे चुनावी मैदान में उतरने के लिए पार्टी की तरफ से टिकट जारी किया जाए, पर कुछ को टिकट मिल पाता है और कुछ को नहीं. ऐसे में नाराज नेता उस पार्टी को छोड़ कर अन्य पार्टी का दामन थाम लेते हैं या कुछ ऐसे भी नेता देखें जाते हैं जो निर्दलीय चुनावी मैदान में उतरते हैं.
चुनावों में टिकट पाने की चाहत में नेता जालसाजी या फिर ठगी का शिकार भी हो जाते हैं. ऐसी घटनाएं चुनावों के दौरान अक्सर देखी जाती है. टिकट पाने की चाहत में एक ऐसा ही मामला गुजरात के दक्षिणी क्षेत्र में देखा गया जहां नेता महाठगी का शिकार बन गए.
12 दिनों में 4 नेता बने शिकार
दक्षिणी गुजरात में एमएलए के साथ साइबर ठगों ने महाठगी कर ली. खबर के मुताबिक, एमएलए के पास फोन आता है. फोन पर व्यक्ति खुद को व्यक्ति राष्ट्रीय पार्टी के आलाकमान का बेहद करीबी बताता है और एमएलए से कहता है कि वह उन्हें आगामी चुनाव में टिकट दिलवा सकता है. एमएलए उसकी बात मान लेता है. विधायक अंत में फोन रखते रखते ठग को 1 लाख 50 हजार रूपये ट्रांसफर कर देता है.
ये पहले ऐसे विधायक नहीं थे जिनके साथ इस तरह की महाठगी की गई हो बल्कि बीते 12 दिनों में गुजरात के केंद्र में और दक्षिणी गुजरात में 4 नेताओ के साथ इस तरह की घटना को अंजाम दिया गया है. इनमें से दो नेताओ ने साइबर क्राइम की शिकायत पुलिस थाने में दर्ज कराई है.
उम्मीदवारों के चयन प्रक्रिया के लिए मागें पैसे
विधायक के साथ कॉल करने वाले ठग ने चुनाव की संभावनाओं और अभियानों पर भी चर्चा की थी और नेता को यह भी आश्वासन दिया कि कुछ पार्टी के पर्यवेक्षक चुनाव के लिए उम्मीदवारों के चयन प्रक्रिया को अंतिम रूप देने गुजरात का दौरा भी कर सकते हैं. पुलिस के मुताबिक विधायक को उनके लिए होटल का खर्चा उठाने के लिए पैसे की मांग की गई और नेता ने पैसे भी भर दिए पर बाद में यह महसूस किया कि उनके साथ साइबर ठगों ने फ्रॉड कर लिया है.
कांग्रेस के नेता ने टीआईओ को बताया कि विधायक ने पुलिस में शिकायत इसलिए नहीं दर्ज कराई क्योंकि विधायक ने टिकट पाने के लिए पैसे भरे.चुनावों में टिकट पाने की हौड़ में दर्जनों नेताओ को साइबर जालसाजों ने बेवकूफ बनाने का नए नए हथकंडे अपनाए हैं.
गुजरात के एमपी और पार्षद भी बने शिकार
वड़ौदरा के पूर्व एमपी सत्याजीत सिन्हा गाइकवड़ और वर्तमान पार्षद चंद्राक्रंत श्रीवास्तव के साथ भी साइबर जाल साजों ने धोखाधड़ी करने की कोशिश की लेकिन उन्होनें इसकी शिकायत तुरंत साइबर क्राइम पुलिस थाने में दर्ज कराई. ठगों ने उनसे कहा कि चुनाव पर्यवेक्षक उनका नाम उम्मीदवार के रूप में दाखिल करा देंगे लेकिन इसके लिए उन्हे पैसे भरने पड़ेंगे. दिल्ली के कुछ बड़े नेताओ ने यह सुनिश्चित किया कि गुजरात में कुछ ठग कांग्रेस के नेताओं के साथ टिकट देने के नाम पर जालसजी कर रहें हैं.