उत्तराखंड के केदारनाथ धाम के गर्भगृह और दीवारों पर सोने की परत तो चढ़ा दी गई है लेकिन अब उसकी सुरक्षा की चिंता मंदिर प्रशासन को परेशान करने लगी है। मंदिर के पुजारियों और स्थानीय अधिकारियों ने इस बाबत राज्य सरकार को पत्र लिखा है और केदारनाथ मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने की बात कही है। दरअसल, रुद्रप्रयाग में स्थित मंदिर सर्दियों में कई महीनों के लिए बंद हो गया है और अब मई में ही खुलेगा। तब तक यह उजाड़ जंगल में अकेला अलग-थलग पड़ा रहेगा। ऐसे में प्रशासन को मंदिर के अंदर कीमती धातु के चोरी होने का डर सता रहा है।
बता दें कि केदारनाथ मंदिर के कपाट बंद होने के एक दिन पहले 26 अक्टूबर को इसके गर्भगृह में सोने की परत को चढ़ाने का काम पूरा किया गया था। अनुमान के मुताबिक, इसमें 230 किलोग्राम सोने का इस्तेमाल किया गया था। हालांकि, इसके बाद भी मंदिर की सुरक्षा नहीं बढ़ाई गई थी। पुजारियों ने बताया कि मंदिर में फिलहाल केवल 11 सिपाहियों को निगरानी के लिए लगाया गया है। वह भी अस्थायी तौर पर ही तैनात रहेंगे।
केदारनाथ के प्रधान पुजारी भीमाशंकर लिंग ने बताया कि पहले भी मंदिर में चोरी हो चुकी है। एक बार सोने का कलश और कुछ अन्य कीमती सामान मंदिर से चोरों ने उड़ा लिया था। ऐसे में मंदिर के स्वर्णमंडित गर्भगृह को लेकर मंदिर प्रशासन टेंशन में है। बद्री-केदार मंदिर समिति (बीकेटीसी) के प्रमुख अजेंद्र अजय ने उत्तराखंड के मुख्य सचिव एसएस संधू को पत्र लिखकर केदारनाथ में और सुरक्षा की मांग की है।