सूरत रेलवे स्टेशन पर दीपावली की छुट्टी होते ही घर जाने के लिए बड़ी संख्या में लोग उमड़ पड़े। सूरत और उधना रेलवे स्टेशन पर ऐसी भीड़ थी कि मानो कोई मेला लग गया हो। भीड़ के चलते उत्तर भारतीय यात्री अराजकता का शिकार हुए। कुछ अपनी जान जोखिम में डालकर यात्रा करने को मजबूर हुए। वहीं, भीड़ के चलते 1900 यात्री ट्रेन में ही नहीं चढ़ सके।
कन्फर्म टिकट के बावजूद ट्रेन नही पकड सके
ताप्ती गंगा ट्रेन में 400 कन्फर्म टिकट वाले यात्रियों समेत 1900 यात्रिओं की भी ट्रेन छूट गई। क्योंकि, भीड़ के चलते ये लोग ट्रेन में सवार ही नहीं हो सके। प्लेटफॉर्म पर कदम रखने तक की जगह नहीं थी। त्योहारों के दौरान यात्रियों को भीड़भाड़ वाली ट्रेनों में सफर करना पड़ा। कम उम्र से लेकर वृद्धावस्था तक के लोगों को भारी परेशानी उठानी पड़ी।
ट्रेन की 8 बार चेन खींची गई
यात्रियों की इतनी भीड़ थी कि प्लेटफॉर्म पर खड़े होने की भी जगह नहीं थी। उसमें 1700 सीटों के साथ अंत्योदय ट्रेन में 3000 लोगों ने सफर किया। जबकि 5000 यात्री भीड के कारण ट्रेन में सवार नहीं हो सके। इसके अलावा अंत्योदय ट्रेन की 8 बार चेन खींची गई। इसलिए ट्रेन 47 मिनट के लिए नीलगिरि एलसी गेट क्रॉसिंग के पास रुकी।
खिड़की तक से घुस रहे थे यात्री
यात्री ट्रेन के डिब्बे की खिड़की से प्रवेश कर रहे थे, ट्रेन के दरवाजों से प्रवेश नहीं कर पा रहे थे। उधना रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म पर खड़े होने की जगह नहीं होने के कारण यात्री प्लेटफार्म के शौचालय की छत पर चढ़ गए। प्लेटफॉर्म पर जिधर नजर दौड़ाई, सिर्फ यात्रियों के सिर नजर आ रहे थे।