Precautions for Asthma patients: पूरे एक साल के इंतजार के बाद दीवाली का त्योहार आ चुका है। हर घर रोशन है हर चेहरे पर रौनक है। हर दिल प्यार से भरा है… हिंदुस्तान से लेकर यूरोप और अमेरिका तक.. पूरी दुनिया में, दीयों के इस त्योहार को लेकर गजब का उत्साह है। आज छोटी दिवाली है और कल यानी सोमवार 24 अक्टूबर 2022 सोमवार को दिवाली का त्योहार बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाने वाला है। इस त्योहार में जहां पूजा और भक्ति होती है, वहीं साथ ही हर घर में ये त्योहार दिया जलाकर और पटाखे फोड़कर सेलिब्रेट किया जाता है। ऐसे में अस्थमा के मरीजों की परेशानी बढ़ने का डर भी लगा रहता है। इसलिए आज हम आपको अस्थमा इंफेक्शन से बचने के कुछ खास टिप्स बताने जा रहे हैं।
दिल्ली में बढ़ा प्रदूषण
मौसम का बदलाव और आतिशबाजी दोनों के मिले जुले प्रभाव से दिवाली के आस-पास के समय में दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण बढ़ना आम बात है। वहीं देश के अन्य हिस्सों में भी बारूद जलने से हवा में प्रदूषण बढ़ जाता है।
बढ़ सकती है सांस लेने में परेशानी
इस मौसम में बाकी लोग तो सामान्य तरीके से रह लेते हैं लेकिन अस्थमा एक ऐसी बीमारी है जिसमें सांस नलिकाओं पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इसलिए अस्थमा के मरीज खांसी, नाक बंद या बहना, छाती का कड़ा होना, रात और सुबह के समय सांस लेने में तकलीफ की समस्याओं के जल्दी शिकार हो जाते हैं। लेकिन कुछ सावधानियां बरती जाएं तो इन परेशानियों से बचा जा सकता है।
अस्थमा के लक्षण
बार-बार खांसी होना
सांस लेते समय सीटी की आवाज
छाती में जकड़न
दम फूलना
खांसी के साथ कफ न निकल पाना
बेचैनी होना
जानिए बचाव के लिए कुछ खास टिप्स…
अस्थमा के मरीज अपना इन्हेलर हमेशा अपने पास ही रखें।
पंखे या एसी के बिलकुल करीब न बैंठें।
धूल भरी जगह पर खुद को जाने से बचाएं।
शरीर को गर्मागहट प्रदान करने के लिए गर्म पानी या गर्म आहार का सेवन करें।
अधिक गर्म कपड़े पहनकर रखें
ठंडी तासीर की चीजें खाने से बचें।
धूप निकलने के बाद योग या एक्सरसाइज जरूर करें।
सुतली बम फोड़ने से परहेज करें। अस्थमा के मरीज बम पटाखों से दूरी बनाएं।
चकरी और अनार क्रेकर से एलर्जी होने का खतरा ज्यादा होता है, इसलिए दमा के मरीजों और बच्चों को बचने की आवश्यकता है।
बाहर और घर के बदलते तापमान से सावधान रहें।
ज्यादा गर्म और ज्यादा नम तापमान में जाने से बचें।
आंधी और तूफान में घर से बिल्कुल बाहर ना निकलें ।
मास्क लगाकर रखने की कोशिश करें। इसके अलावा आप अपने पास एक स्कार्फ भी रख सकते हैं।
अस्थमा को कंट्रोल करने के लिए अपनी दवाएं हमेशा अपने साथ ही रखें।
अस्थमा के मरीज करें ये प्राणायाम
भस्त्रिका- इस प्राणायाम को करने से पूरे शरीर में ऑक्सीजन का ठीक ढंग से प्रवाह होता है। जिससे आपको डायबिटीज के साथ-साथ कई अन्य बीमारियों से भी निजात मिल जाएगा। इसे 1 मिनट से शुरू करके करीब 3 मिनट तक करें।
कपालभाति- इस प्राणायाम को करने से पैंक्रियाज के बीटा सेल्स दोबारा एक्टिव हो जाते हैं। जिससे तेजी से इंसुलिन बनने लगता है। इसके अलावा इसे करने से ब्लड सर्कुलेशन ठीक रहने के साथ मेटाबॉलिज्म बढ़ता है। रेस्पिरेटरी सिस्टम मजबूत होता है। शरीर की इम्यूनिटी बढ़ती है। शरीर के टॉक्सिन बाहर निकलता है।
भ्रामरी- इस प्राणायाम को करने के लिए पहले सुखासन या पद्मासन की अवस्था में बैठ जाएं। अब अंदर गहरी सांस भरते हैं। सांस भरकर पहले अपनी अंगूलियों को ललाट में रखते हैं। जिसमें 3 अंगुलियों से आंखों को बंद करते हैं। अंगूठे से कान को बंद करते हैं। मुंह को बंदकर ‘ऊं’ का नाद करते हैं। इस प्राणायाम को 5 से 7 बार जरूर करना चाहिए। 5 मिनट में ही बॉडी रिचार्ज करें। अनिद्रा, क्रोध और चिंता को करें कम। शरीर की प्रणाशक्ति बढ़ाएं।