कांग्रेस ने अपने वरिष्ठ नेता शिवराज पाटिल (Shivraj Patil) की भगवत गीता को लेकर की गई टिप्पणी को अस्वीकार्य करार दिया है. कांग्रेस ने कहा कि भगवत गीता भारतीय सभ्यता का मौलिक स्तंभ है. पूर्व गृह मंत्री शिवराज पाटिल ने गुरुवार को विवादित बयान देते हुए कहा था कि जिहाद की अवधारणा न केवल इस्लाम में बल्कि भगवत गीता और ईसाई धर्म में भी थी.
उन्होंने कांग्रेस की वरिष्ठ नेता मोहसिना किदवई की एक पुस्तक के विमोचन के मौके पर यह टिप्पणी की.
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट कर दी सफाई
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने इस विवाद पर अपनी सफाई देते हुए कहा कि मेरे वरिष्ठ सहयोगी शिवराज पाटिल ने भगवत गीता पर कथित तौर पर एक टिप्पणी की जो अस्वीकार्य है. बाद में उन्होंने स्पष्टीकरण दिया. कांग्रेस का रुख स्पष्ट है कि भगवत गीता भारतीय सभ्यता का मौलिक स्तंभ है.
उन्होंने पूर्व पीएम पंडित जवाहरलाल नेहरू की पुस्तक ‘डिस्कवरी ऑफ इंडिया’ का एक अंश भी साझा किया जिसमें कहा गया है कि भगवत गीता का संदेश सार्वभौमिक है और सभी के लिए है. रमेश ने कहा कि मैंने किशोरावस्था में ही भगवद गीता का अध्ययन किया और सांस्कृतिक और दार्शनिक मूलग्रंथ के रूप में इसके प्रति मेरा बहुत आकर्षण रहा है. इसका युगों से भारतीय सभ्यता पर व्यापक असर रहा है. मैंने अपनी किताब ‘द लाइट ऑफ एशिया’ में भी इसके बारे में लिखा है.
शिवराज पाटिल की किस बात पर शुरू हुआ था विवाद?
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शिवराज पाटिल ने गुरुवार को दावा किया कि जिहाद की अवधारणा न केवल इस्लाम, बल्कि भगवत गीता और ईसाई धर्म में भी थी. उन्होंने कहा कि जब सही इरादों और सही चीजें करने के बावजूद भी कोई नहीं समझता है तो यह अवधारणा सामने आई कि बल का प्रयोग किया जा सकता है. पाटिल ने दावा किया कि यह केवल कुरान में नहीं है बल्कि महाभारत और गीता में भी है. श्री कृष्ण भी अर्जुन से जिहाद के बारे में बात करते हैं और यह चीज केवल कुरान या गीता में ही नहीं, बल्कि ईसाई धर्म में भी है.