आपने कई पेरेंट के मुंह से सुना होगा कि उनका बच्चा बहुत ही ज्यादा जिद्दी है। ऐसे में अक्सर उसे हैंडल करना बहुत मुश्किल हो जाता है। कई पेरेंट को लगता है कि उम्र के उनका बच्चा खुद ही समझ जाएगा और जिद्द करना छोड़ देगा लेकिन सच बात यह है कि अगर आप बच्चे की इस आदत को इग्नोर करते हैं और उसका बचपना समझकर उसकी हर इच्छा पूरी करते चले जाते हैं, तो बच्चे जिद्दी होते चले जाते हैं। ऐसे में बहुत जरूरी है कि बचपन में ही बच्चे की इस आदत को सुधारा जाए। कुछ तरीके ऐसे हैं जो आपकी हेल्प कर सकते हैं।
बच्चों की जिद्द पूरी न करें
आपका बच्चा अगर हर बार रोकर या चिल्लाकर अपनी जिद्द मनवा लेता है, तो आपको उसकी वे बात तो बिल्कुल भी न मानें। इससे बच्चे पर असर पड़ेगा कि जिद्द करने से उसके मन की हर बात पूरी नहीं हो सकती।
बच्चे को डांटेंं
बच्चों को प्यार करने के चक्कर में उन्हें सिर पर नहीं चढ़ाना चाहिए। बच्चों को अपना सही-गलत नहीं पता होता। ऐसे में आपकी जिम्मेदारी बनती है कि बच्चों को डांटकर उनकी फालतू की जिद्द की आदत को सुधारा जाए।
बच्चे को पता नहीं होता कि उसे कोई चीज पाने के लिए कैसा बिहेव करना होता है। ऐसे में उसे यह भी नहीं पता कि बार-बार किसी एक बात की रट लगाना गलत है। ऐसे में बच्चों को एहसास दिलाएं कि उनका तरीका गलत है।
किसी काम के बदले ईनाम
आपका बच्चा जब भी जिद्द करे, तो उसे समझाएं कि अगर वह पढ़ाई करेगा, तो आप उसकी बात मानेंगे या फिर अगर उसका व्यवहार सुधरेगा, तो वे उसकी बातें सुनेंगे।
बच्चों को घुमाने ले जाएं
कई बार ऐसा होता है कि घर में रहते-रहते बच्चे दूसरों के साथ घुल-मिल नहीं पाते हैं। ऐसे में उन्हें गुस्सा आता है और वे जिद्दी बन जाते हैं। ऐसे में बहुत जरूरी है कि बच्चों को खेलने के लिए पार्क में घुमाने ले जाएं, इससे बच्चों का गुस्सा कम होगा।