ऑटो निर्माता कंपनियां कई फीचर्स का इस्तेमाल कारों में करती हैं, जिससे चालक और सवारी को आकर्षित किया जा सके। लेकिन, क्या आपको पता है कि कुछ ऐसे फीचर्स भी गाड़ियों में होते हैं, जिनका इस्तेमाल बिल्कुल न के बराबर होता है, लेकिन इनकी वजह से आपको लाखों रुपये इक्स्ट्रा देने पड़ते हैं। इन फीचर्स के कारण गाड़ियों की कीमत बढ़ जाती है। इसलिए, आज हम ऐसे 4 फीचर्स के बारे में बताने जा रहे हैं, जो मात्र शो-ऑफ और कीमतों में वृद्धि करते हैं।
सनरूफ का बहुत इस्तेमाल नहीं होता
लोग अधिकतर शौक-शौक में सनरूफ वाली महंगी कार खरीद लेते हैं। लेकिन उन्हें कुछ दिन बाद ही पता चल जाता है कि हकीकत क्या है। जी हां, क्योंकि कार में सनरूफ का इस्तेमाल बहुत कम ही होता है। अक्सर बच्चे इससे अपना सिर बाहर निकालने के लिए जिद करने लगते हैं, जिससे दुर्घटना भी हो सकती है।इसके अलावा सनरूफ होने के कारण कार का हेडरूम भी कम हो जाता है।
ऑटोमैटिक सीटबेल्ट को करें टाटा बाय-बाय
बढ़ती टेक्नोलॉजी के साथ ग्राहक भी एडवांस होते जा रहे हैं। ऑटोमैटिक सीटबेल्ट वाली कई गाड़ियां बाजार में उपलब्ध हैं, लेकिन इस फीचर का यूज बहुत ही कम लोग करते हैं। लेकिन, आपको शायद ही पता होगा कि ये फीचर आपकी गाड़ी का प्राइस काफी ज्यादा बढ़ा देता है। दोस्तों आप नॉर्मल सीटबेल्ट वाली गाड़ी खरीदकर अपना काफी पैसा बचा सकते हैं। सैटेलाइट नेविगेशन का बहुत यूज नहीं
अधिकांश कारों में सैटेलाइट नेविगेशन धीमा होता है, जिस कारण आप चाहकर भी इसका बहुत यूज नहीं कर सकते हैं। इसे डेली अपडेट करने में समस्या होती है। यही कारण है कि हाई-एंड लग्जरी वाहनों में यात्री बिल्ट-इन सैटेलाइट नेविगेशन का उपयोग करने के बजाय नेविगेशन के लिए Apple CarPlay और Android Auto पर भरोसा करते हैं। सैटेलाइट नेविगेशन फीचर के कारण भी कार की कीमत बढ़ जाती है।
हेडलाइट वाशर और वाइपर
हेडलाइट वाशर और वाइपर सेडान और हैचबैक कार के लिए बहुत मायने नहीं रखता है। कारें अब बेहतर एलईडी के साथ आती हैं, जो अंधेरे में पर्याप्त रोशनी देती हैं। इसीलिए, सेडान और हैचबैक कारों में हेडलाइट वाशर और वाइपर की बहुत ज्यादा जरूरत नहीं होती है। इसीलिए, इस फीचर के बगैर भी आपका काम चल सकता है।
दोस्तों अगर आप ऊपर दिए ये चार फीचर्स के इस्तेमाल से बचते हैं, तो आप कार खरीदते समय अपने लाखों रुपये बचा सकते हैं।