भारतीय वायुसेना (IAF) अमेरिका, चीन और रूस के बाद दुनिया की चौथी सबसे बड़ी वायुसेना है. वायुसेना दिवस 8 अक्टूबर को मनाया जाता है और इस साल इस दिन की 90वीं वर्षगांठ है. इस बार इंडियन एयरफोर्स की परेड और फ्लाई पास्ट का आयोजन चंडीगढ़ में होने जा रहा है. वायुसेना दिवस पर सिंगल इंजन वाले मिग-21 सहित लगभग 80 विमान चंडीगढ़ के सुखना लेक के ऊपर भव्य प्रदर्शन करेंगे. चलिए अब आपको भारतीय वायुसेना के स्वर्णिम इतिहास के बारे में बताते हैं.
भारतीय वायुसेना के 90 साल
भारतीय वायुसेना को आधिकारिक तौर पर 8 अक्टूबर 1932 को स्थापित किया गया था. इसकी पहली उड़ान 1 अप्रैल 1933 को अस्तित्व में आई थी. भारतीय वायुसेना, भारतीय नौसेना और सेना के साथ-साथ देश की रक्षा प्रणाली का एक मौलिक और महत्वपूर्ण हिस्सा रही है. IAF पहली बार बहादुर कार्रवाई में आदिवासी के खिलाफ वजीरिस्तान युद्ध के दौरान सामने आया था. बाद में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान IAF का जबरदस्त विस्तार हुआ. युद्ध के दौरान विशेष रूप से बर्मा में IAF एक महान रक्षा बल साबित हुआ. इसके बाद इसे रॉयल इंडियन एयर फोर्स (RIAF) के रूप में जाना जाने लगा.
1 जुलाई 2017 तक, भारतीय वायु सेना में 12,550 अधिकारियों (12,404 की संख्या 146 के साथ सेवारत) और 142,529 एयरमैन (127,172 15,357 के साथ सेवारत) की स्वीकृत संख्या है. वायुसेना पर न केवल भारतीय क्षेत्र को सभी जोखिमों से बचाने की जिम्मेदारी है, बल्कि प्राकृतिक आपदाओं के दौरान प्रभावित क्षेत्रों को सहायता भी प्रदान करना है. IAF कई युद्धों में शामिल रहा है: द्वितीय विश्व युद्ध, चीन-भारतीय युद्ध, ऑपरेशन कैक्टस, ऑपरेशन विजय, कारगिल युद्ध, भारत-पाकिस्तान युद्ध, कांगो संकट, ऑपरेशन पूमलाई, ऑपरेशन पवन और कुछ अन्य.
IAF की पांच बड़ी ताकत
Dassault Rafale: इस समय 36 राफेल लड़ाकू विमान भारतीय वायुसेना के साथ सेवा में हैं. राफेल के आने से भारत की वॉर पावर में और इजाफा हो गया. राफेल उल्का और हैमर जैसी मिसाइलों से लैस है. मल्टीरोल होने के कारण दो इंजन वाला (टूइन) राफेल फाइटर जेट एयर-सुप्रेमैसी यानी हवा में अपनी बादशाहत कायम करने के साथ-साथ डीप-पैनेट्रेशन यानी दुश्मन की सीमा में घुसकर हमला करने में भी सक्षम है. राफेल जब आसमान में उड़ता है तो कई सौ किलोमीटर तक दुश्मन का कोई भी विमान, हेलीकॉप्टर या फिर ड्रोन पास नहीं फटक सकता है. साथ ही वो दुश्मन की जमीन में अंदर तक दाखिल होकर बमबारी कर तबाही मचा सकता है. यही कारण है कि राफेल को मल्टी रोल लड़ाकू विमान भी कहा जाता है.
Sukhoi Su-30MKI: सरकार ने 2016 में ब्रह्मोस के हवा से मार करने में सक्षम वेरिएंट को 40 से अधिक सुखोई लड़ाकू विमानों में जोड़ने का निर्णय किया था. इस परियोजना की कल्पना समुद्र या जमीन पर किसी भी लक्ष्य पर बड़े ‘स्टैंड-ऑफ रेंज’ से हमला करने की भारतीय वायुसेना की क्षमता को बढ़ाने के लिए की गई थी.
Mikoyan MiG-29: मिग-29, जिसे बाज़ के रूप में जाना जाता है, एक समर्पित वायु श्रेष्ठता सेनानी है, जो सुखोई-30एमकेआई के बाद भारतीय वायुसेना की दूसरी रक्षा पंक्ति का गठन करता है. सेवा में 69 मिग-29 हैं, जिनमें से सभी को हाल ही में मिग-29यूपीजी मानक में अपग्रेड किया गया है.
Dassault Mirage 2000: मिराज 2000 को भारतीय वायुसेना में वज्र के रूप में जाना जाता है. आईएएफ वर्तमान में 49 मिराज 2000 एच और 8 मिराज 2000 टीएच संचालित करता है, जिनमें से सभी को वर्तमान में भारतीय विशिष्ट संशोधनों के साथ मिराज 2000-5 एमके 2 मानक में अपग्रेड किया जा रहा है और 2 मिराज 2000-5 एमके 2 मार्च 2015 तक सेवा में हैं.
HAL Tejas: आईएएफ मिग-21 को घरेलू रूप से निर्मित एचएएल तेजस से बदला जाना है. पहली तेजस IAF इकाई, नंबर 45 स्क्वाड्रन IAF फ्लाइंग डैगर्स का गठन 1 जुलाई 2016 को किया गया था. इसके बाद 27 मई 2020 को नंबर 18 स्क्वाड्रन IAF “फ्लाइंग बुलेट्स” का गठन किया गया था. फरवरी 2021 में भारतीय वायुसेना ने 123 तेजस का ऑर्डर दिया, जिसमें 40 मार्क 1, 73 सिंगल-सीट मार्क 1 एएएस और 10 टू-सीट मार्क 1 ट्रेनर शामिल हैं.