स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में नोबेल प्राइज वीक 2022 का आज तीसरा दिन है। आज केमिस्ट्री के नोबेल प्राइज का ऐलान किया गया। यह पुरस्कार तीन वैज्ञानिकों को दिया जा रहा है। इनके नाम हैं- कैरोलिन बेट्रोजी (अमेरिका), मोर्टन मेल्डेल (डेनमार्क) और बेरी शार्पलेस (अमेरिका)। 81 साल के शार्पलेस को 2001 में भी दो अन्य वैज्ञानिकों के साथ यह पुरस्कार मिला था।
नोबेल कमेटी के मुताबिक, इन वैज्ञानिकों ने क्लिक केमिस्ट्री को एक नया आयाम दिया है। इसके अलावा बायोऑर्थोगोनल केमिस्ट्री में इनका रिसर्च भविष्य में मेडिसिन के लिए नया रास्ता खोलेगा। नोबेल वीक 10 अक्टूबर तक चलेगा। 7 दिन में कुल 6 प्राइज अनाउंस होते हैं। सबसे आखिर में 10 अक्टूबर को इकोनॉमिक्स कैटेगरी का प्राइज अनाउंस किया जाएगा।
इस सप्ताह सिर्फ पुरस्कार जीतने वाले व्यक्ति या संस्थान के नामों का ऐलान होगा। दिसंबर में इन्हें प्राइज दिए जाएंगे। कोविड की वजह से 2020 और 2021 के विजेता स्टॉकहोम नहीं पहुंच पाए थे। कमेटी ने इस बार इन दो साल के विजेताओं को भी स्टॉकहोम इनवाइट किया है।
शांति पुरस्कार नॉर्वे में प्रदान किया जाता है जबकि बाकी सभी कैटेगरीज के प्राइज स्टॉकहोम में दिए जाते हैं। सोमवार को मेडिसिन का नोबेल स्वीडन के सावन्ते पाबो को दिए जाने का ऐलान हुआ था। मंगलवार को फिजिक्स के नोबेल का ऐलान किया गया था।
फिजिक्स का नोबेल
फिजिक्स का नोबेल तीन वैज्ञानिकों को दिया गया है। ये हैं- एलेन आस्पेक्ट, जॉन एफ क्लॉसर और एंटन जेलिंगर। एलेन आस्पेक्ट फ्रांस से ताल्लुक रखते हैं। वो पेरिस और स्केले यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर हैं। जॉन एफ क्लॉसर अमेरिकी रिसर्चर और प्रोफेसर हैं। एंटन जेलिंगर ऑस्ट्रिया की विएना यूनिवर्सिटी में फिजिक्स के हेड ऑफ द डिपार्टमेंट और रिसर्चर हैं।
नोबेल कमेटी की तरफ से जारी बयान के मुताबिक- इन तीनों वैज्ञानिकों ने entangled quantum states पर रिसर्च किया। इसमें दो पार्टिकल्स बिल्कुल एक तरह का व्यवहार करते हैं। अगर इन दोनों पार्टिकल्स को अलग-अलग भी कर दिया जाए तो इनका व्यवहार नहीं बदलता।
इस रिसर्च का फायदा न सिर्फ नई टेक्नोलॉजी के लिए किया जा सकेगा, बल्कि इससे फिजिक्स की क्वॉन्टम इन्फॉर्मेशन थ्योरी को भी एक्सटेंड किया जा सकेगा। इससे भी बड़ी बात कि यह कई गंभीर बीमारियों के इलाज में नया रास्ता खोल सकती है।
टेक्नोलॉजी की बात करें तो क्वॉन्टम कम्प्यूटर्स, क्वॉन्टम नेटवर्क्स और क्वॉन्टम एन्क्रिप्टेड कम्युनिकेशन में इस रिसर्च से नई क्रांति लाई जा सकती है। क्वॉन्टम मैकेनिक्स को भी नई राह मिलेगी।