Today Gujarati News (Desk)
पटना पुलिस के द्वारा जांच को गुमराह किया जा रहा है। पुलिस इस पूरे मामले को एंगल देने की कोशिश कर रही है। हर दिन गंगा नदी से बालू निकाला जा रहा था, बावजूद इसके डॉक्टर संजय का पता नहीं चल सका। उन्होंने कहा कि अभी बाढ़ का समय भी नहीं है कि डॉ संजय 50 मील तक बह गए हों। जिस कारण उनकी बरामदगी नहीं हो पा रही है। ये बयान है बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल का। राजधानी पटना में 12 मार्च को आईएमए ने प्रोटेस्ट मार्च निकाला। उसमें संजय जायसवाल शामिल हुए। डॉ. संजय को गायब हुए 18 दिन हो चुके हैं। अभी तक उनका कोई सुराग नहीं मिल पाया है। उनकी बेटी सुयसी समृद्धि को पुलिस की थ्योरी पर बिल्कुल विश्वास नहीं है। सुयसी इस बात से साफ इनकार करती हैं कि उनके पिता कहीं से कूद जाएंगे। छलांग लगा लेंगे। सुयसी ने 12 मार्च को मीडिया को बताया कि पुलिस मामले की जांच कर रही है। जो पुलिस हमें बताती है, वही बात मीडिया को बताती है। मेरे पिता एक डॉक्टर थे। वैसे व्यक्ति नहीं कि कहीं से कूद जाएं। घटना के बाद पुलिस पर लगातार प्रेसर बढ़ रहा है। पुलिस ने 13 मार्च को प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि ‘डॉक्टर संजय का पता बताओ और इनाम पाओ।’
डॉ. संजय का अता-पता नहीं
पटना के एसएसपी राजीव मिश्रा ने अपने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि NMCH के डॉ संजय कुमार पिछले 13 दिनों से लापता हैं। पुलिस की वैज्ञानिक और तकनीकी जांच में उनका कोई सुराग नहीं मिल पाया है। पटना एसएसपी ने कहा कि हालांकि जांच में जो बात निकलकर सामने आई है, उनका न ही कोई अपरहण हुआ है और ना ही आत्महत्या का कोई प्रमाण मिला है। फिर भी पुलिस की स्पेशल टीम 24 घंटे डॉ. संजय की सकुशल बरामदगी को लेकर सर्च अभियान चला रही है। पटना एसएसपी ने बताया कि लापता डॉक्टर संजय कुमार की तलाश के लिए बिहार से सटे कई राज्यों झारखंड, पश्चिम बंगाल, यूपी की पुलिस से संपर्क किया गया है। फेसबुक, टि्वटर, व्हाट्सएप के माध्यम से भी लापता डॉ. संजय का पता लगाने की कोशिश निरंतर जारी है। अब हम जनता से भी अपील कर रहे हैं कि वे भी डॉक्टर की तलाश में सहयोग करे। उधर, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) की ओर से लगातार लापता डॉ संजय की सकुशल बरामदगी को लेकर दबाव बनाया जा रहा है। ऐसे में पटना पुलिस लापता डॉक्टर की खोज करने में एड़ी चोटी की जोर लगा रही है।
बिहटा से अपहरण
अभी डॉ. संजय के संदिग्ध परिस्थितियों में गायब होने का मामला सुलझा नहीं था कि शुक्रवार को राजधानी पटना से सटे बिहटा से चौंकाने वाली खबर आई। पुलिस के मुताबिक, बिहटा प्रखंड स्थित कन्हौली गांव निवासी शिक्षक राज किशोर पंडित के इकलौते पुत्र तुषार कुमार गुरुवार की शाम घर से बाहर निकला था और अब तक उसका पता नहीं चल सका है। तुषार कक्षा छह का छात्र है। सूत्रों के मुताबिक, अपहरणकर्ताओं ने छात्र के मोबाइल से वाट्सएप कॉल के माध्यम से उसके परिजनों से 40 लाख रुपये की मांग की और पुलिस से शिकायत करने पर जान से मारने की धमकी भी दी है। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि अपहृत किशोर तुषार की बरामदगी के लिए सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है। नगर पुलिस अधीक्षक, पश्चिम एवं अपर पुलिस अधीक्षक, पालीगंज घटनास्थल पर पहुंचकर मामले की जांच की है। अनुसंधान के लिए विशेष जांच दल का गठन किया गया है, जांच की जा रही है। बिहटा से शिक्षक पुत्र का अपहरण और चालीस लाख फिरौती का मामला सामने आने के बाद लोगों में आक्रोश है। स्थानीय लोगों में चर्चाओं का बाजार गरम है कि बिहार में अपहरण उद्योग फिर से पांव पसारने लगा है। अपराधियों के मनोबल बढ़े हुए हैं। वहीं जानकार मानते हैं कि बिहार में पुलिस जितना समय शराब खोजने में दे रही है। उतना समय लॉ एंड ऑर्डर के लिए नहीं देती है। बिहार में शराबबंदी के बाद से अपराध की घटनाओं में बेतहाशा वृद्धि दर्ज की गई है।
मुजफ्फरपुर से अपहरण
बिहटा के शिक्षक पुत्र के अपहरण और फिरौती को अभी 24 घंटे नहीं बीते कि मुजफ्फरपुर से एक सनसनीखेज खबर सामने आ गई। मुजफ्फरपुर के प्रमुख डॉक्टर के बेटे का अज्ञात लोगों ने शुक्रवार को उसके स्कूल के बाहर से अपहरण कर लिया, पुलिस ने यह जानकारी दी। डीएसपी पश्चिम अभिषेक आनंद ने कहा, अपहरणकर्ता बच्चे का उसके स्कूल के गेट के बाहर इंतजार कर रहे थे। जैसे ही वह बाहर आया, अपहरणकर्ता उसे जबरन कार में ले गए और मौके से फरार हो गए। हम अपहरणकर्ताओं की पहचान और उनके ठिकाने का पता लगाने के लिए इलाके के सीसीटीवी खंगाल रहे हैं। पीड़ित की पहचान जाने-माने डॉक्टर एसपी सिंह के बेटे विवेक कुमार सिंह के रूप में हुई है। पीड़ित परिवार के लोग पुलिस से उसकी सकुशल रिहाई सुनिश्चित करने की गुहार लगा रहे हैं। हालांकि अपहरणकर्ताओं ने अब तक फिरौती के लिए फोन नहीं किया है। एक के बाद एक अपहरण की घटनाएं नीतीश कुमार सरकार के साथ-साथ बिहार पुलिस के लिए भी बड़ा सिरदर्द बन रही हैं, जो एनएमसीएच के लापता डॉक्टर का पता लगाने में भी नाकाम रही है।नीतीश सरकार की हो रही फजीहत
2022 के नवंबर में महागठबंधन की सरकार के 100 दिन पूरे हुए। उसके बाद नवंबर से लेकर अब तक बिहार में अपराध की घटनाओं में इजाफा देखा जा रहा है। विपक्ष का आरोप है कि अपराध रूक नहीं रहा है। सूत्र बताते हैं कि बीजेपी से नाता तोड़ने के बाद नीतीश कुमार भी हैरान हैं कि अपराध की घटनाओं में इतना इजाफा कैसे हो रहा है। नीतीश कुमार ने लॉ एंड ऑर्डर को लेकर बेहतर व्यवस्था के लिए कड़क अधिकारी आरएस भट्टी को बिहार का डीजीपी बताया। जानकारों की मानें, तो बिहार में भट्टी के आने के बाद भी हत्या, लूट और फिरौती के लिए अपहरण की घटना बढ़ी है। महज 24 घंटे के भीतर दो लोगों का अपहरण बिहार के लोगों को दहशत में डाल रहा है। विपक्ष विधानसभा में लगातार हंगामा कर रहा है। बिहार में कानून-व्यवस्था के बेलगाम होने की बात कही जा रही है। नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने तो यहां तक कहा है कि 2022 में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद अकेले अगस्त में हत्या की घटनाओं में इजाफा दर्ज किया गया। विजय कुमार सिन्हा ने सरकार पर क्राइम के आंकड़े छिपाने का भी आरोप लगाया था। कुल मिलाकर बिहार में 24 घंटे के भीतर दो अपहरण हो जाने के बाद से सरकार की फजीहत हो रही है।