Today Gujarati News (Desk)
अमेरिका की केंद्रीय खुफिया एजेंसी के प्रमुख बिल बर्न्स ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग परमाणु हथियारों का विरोध कर चुके हैं, जो बेहद महत्वपूर्ण है। उनका यह बयान रूस को परमाणु हथियारों से परहेज करने से जुड़ा है। यह बात उन्होंने तब कही है, जब दो दिन पहले ही विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा था कि उन्होंने भारत और चीन से रूस के परमाणु हथियारों के इस्तेमाल का विरोध करने को कहा है। रविवार को CBS न्यूज के एक साक्षात्कार में बिल बर्न्स से तुर्की में पिछले साल हुई रूसी खुफिया प्रमुख सर्गेई नारीशकिन के साथ मुलाकात के बारे में पूछा गया।बिल बर्न्स ने मीटिंग को ‘निराशाजनक’ बताया। उन्होंने कहा, ‘मेरा लक्ष्य था कि समझौते के बारे में बात न की जाए। क्योंकि ये वह चीज है जो यूक्रेनी लोग रूसियों के साथ सही समय आने पर करेंगे। राष्ट्रपति ने मुझे क्या करने को कहा है, यह किसी भी चीज से ज्यादा था। उन्होंने मुझे नारीशकिन के माध्यम से पुतिन को यह साफ करने को कहा था कि अगर रूस परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करता है, तो उसके गंभीर परिणाम सामने आएंगे।’ उन्होंने आगे कहा कि नारीशकिन ने इस मुद्दे की गंभीरता को समझा और पुतिन ने भी ऐसा ही किया।क्या बोले बिल बर्न्स
उन्होंने आगे कहा कि, मुझे ये लगता है कि यह बहुत महत्वपूर्ण है कि चीनी नेतृत्व और भारत के प्रधानमंत्री मोदी ने परमाणु हथियारों के किसी भी इस्तेमाल पर अपना स्पष्ट विरोध जताया है। CIA चीफ बर्न्स रूस में अमेरिका के राजदूत भी रह चुके हैं। जब बर्न्स से पूछा गया कि आखिर उन्हें बातचीत से निराशा क्यों हुई तो उन्होंने कहा, ‘मुझे समझ आ गया था कि पुतिन में अभी भी अहंकार की भावना है।’
चीन को अमेरिका की चेतावनी
उन्होंने कहा, ‘आप समझ जाते हैं। मुझे भी समझ आ गया था कि पुतिन मानते हैं कि युद्ध लंबा चलने से सब ठीक हो जाएगा। पुतिन को विश्वास है कि वह यूक्रेनियों को तोड़ सकते हैं, वह मानते हैं कि राजनीतिक रूप से एक समय सब ठीक हो जाएगा।’ बर्न्स ने यह भी कहा कि चीन चाह रहा था कि रूस को घातक हथियार दिए जाएं। लेकिन अभी यह तय नहीं हुआ है। इससे पहले भी अमेरिका ने चीन को वॉर्निंग दी थी कि अगर रूस को हथियार दिए, तो इसके गंभीर परिणाम होंगे।