Today Gujarati News (Desk)
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बेहद कड़ी सुरक्षा में चुनाव हुए और बुधवार दोपहर में राजधानी दिल्ली को आखिरकार मेयर मिल गया। आम आदमी पार्टी की शैली ओबेरॉय महापौर और आले मोहम्मद इकबाल उप-महापौर निर्वाचित हुए। ये नतीजे दोपहर में ही आ गए थे लेकिन एमसीडी सदन में आगे जो कुछ हुआ वह पहले कभी नहीं देखा गया। जी हां, जबर्दस्त फुल नाइट ड्रामा (MCD House Drama)। बार-बार सदन की कार्यवाही स्थगित की जाती रही। ‘तानाशाही नहीं चलेगी’ के नारे गूंजे। माइक तोड़ दिए गए। पार्षदों में हाथापाई देखने को मिली। एक दूसरे पर पानी और बोतलें फेंकी गईं। भाजपा और आप के बड़े नेता भी पार्षदों का मार्गदर्शन करने आ गए। हो-हल्ला, शोरगुल के बीच हनुमान चालीसा पढ़ी गई। पूरी रात इसी तरह कट गई लेकिन MCD की स्थायी समिति के सदस्यों का चुनाव नहीं हो पाया। आपको लग रहा होगा कि एमसीडी के मेयर चुनाव के लिए तो सियासी महाभारत काफी समय से चल रही थी, उसके चुनाव के बाद इतना बवाल क्यों हुआ?दरअसल, मेयर भले ही एमसीडी का प्रमुख होता है लेकिन कई महत्वपूर्ण अधिकार स्थायी समिति के पास होते हैं और बिना उसकी मंजूरी के कामकाज अपने हिसाब से नहीं किया जा सकता। ऐसे में मेयर का चुनाव होते ही आम आदमी पार्टी और भाजपा ने स्टैंडिंग कमेटी
के लिए पूरी ताकत झोंक दी। आगे सिलसिलेवार तरीके से समझिए कि बुधवार दोपहर बाद से लेकर आज सुबह तक दिल्ली एमसीडी सदन में क्या-क्या हुआ।
बुधवार, शाम सवा छह बजे
महापौर और उप-महापौर का चुनाव हो चुका था। स्थायी समिति के छह सदस्यों के चुनाव के लिए प्रक्रिया आगे बढ़ी। महापौर ने मतदान क्षेत्र में मोबाइल ले जाने की इजाजत दे दी। भाजपा ने विरोध किया। कुछ पार्षद वेल में आ गए और सीएम अरविंद केजरीवाल के खिलाफ नारे गूंजने लगे। हंगामा जारी रहा। 20 मिनट बाद सदन स्थगित कर दिया। हालांकि कुछ सदस्य मतदान कर चुके थे।शाम 7.40 बजे
महापौर ने कहा कि जिन सदस्यों के पास मतपत्र हैं वो आएं और तब वह फैसला लेंगी। भाजपा के पार्षदों ने ‘तानाशाही नहीं चलेगी’ के नारे लगाने शुरू कर दिए। एक सदन में दो कानून नहीं चलेंगे, का भी शोर बढ़ गया।
रात 9 बजे
एमसीडी सदन एक घंटे में तीसरी बार स्थगित हुआ। भाजपा के पार्षद ‘रघुपति राघव राजा राम’ गा रहे थे।
रात 9.30 बजे
मेयर शैली ओबेरॉय ने चेतावनी दी कि जो भी पार्षद सदन में व्यवस्था नहीं बनाएंगे। उन्हें बाहर कर दिया जाएगा। प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज का 9.43 पर ट्वीट आया, ‘हम चुनाव करवाना चाहते हैं। SC के आदेश के बावजूद बीजेपी अभी भी हंगामा कर रही है और चुनाव नहीं होने दे रही है पर जब तक चुनाव नहीं होता, हाउस चलता रहेगा।’ उन्होंने कहा कि दिल्ली को इसी बैठक में स्थायी समिति दी जाएगी।
रात 10.36 बजे
AAP नेता आतिशी ने ट्वीट किया, ‘भाजपा पार्षदों ने मेयर शैली ओबेरॉय पर हमले की कोशिश की। भाजपा की गुंडागर्दी…।’ शैली के ट्वीट पर अरविंद केजरीवाल ने लिखा कि यह अस्वीकार्य है।रात 11 बजे
स्थायी समिति के सदस्यों के चुनाव में नई अड़चन सामने आई। बीजेपी पार्षद अड़ गए कि पहले जो 47 वोट पड़े थे, उसे रद्द किया जाए। हालांकि एमसीडी ने 250 बैलेट पेपर्स ही छपवाए थे। अगर 47 मतों को रद्द किया जाता तो वोटिंग के लिए नए बैलेट पेपर ही नहीं होते। ऐसे में मेयर ने पहले पड़े वोट रद्द न करने का फैसला लिया।
रात 11.15 बजे: बोतलें चलीं
सदन में पार्षदों ने एक दूसरे पर बोतल अटैक कर दिया। चारों तरफ हंगामा और शोरगुल होता रहा। लोग इधर-उधर भाग रहे थे। पूरी तरह से स्थिति बेकाबू लगी। हाथापाई भी हुई।रात 12 बजे
सदन को एक घंटे के लिए स्थगित किया गया। पार्षद खाना खाने के लिए निकल गए।
रात 12.15 बजे
भाजपा और आप के बड़े नेता भी सिविक सेंटर पहुंच गए। भाजपा की तरफ से विजेंद्र गुप्ता पार्षदों से मिलने और बातचीत करने लगे। उधर आम आदमी पार्टी की तरफ से राज्यसभा सांसद संजय सिंह आगे आए। भाजपा के नेता भी मूड बनाकर आए थे कि वे कहीं नहीं जाएंगे जिससे कोर्ट में यह न कहा जाए कि बीजेपी के कारण चुनाव नहीं हो सका।
रात 1 बजे
सुबह से आए पार्षद थक चुके थे। ऐसे में कुछ महिला पार्षद सदन में ही लेट गईं। कुछ पुरुष भी लेटे दिखे। भाजपा नेता विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि एक-एक घंटे के लिए सदन को स्थगित कर पार्षदों को प्रताड़ित किया जा रहा है। इससे अच्छा है कि कल दोपहर 2 बजे तक सदन को स्थगित कर दिया जाए और नए बैलट पेपर मंगवाकर नए सिरे से स्टैंडिंग कमेटी का चुनाव कराया जाए। तब तक पार्षद भी फ्रेश हो जाएंगे। हालांकि आप के सौरभ भारद्वाज ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि SC ने सदन की पहली बैठक में ही चुनाव कराने के लिए कहा है, इसलिए हम बैठक को टाल नहीं सकते। चुनाव तो आज होकर रहेगा।रात 1.15 बजे
कुछ आप पार्षदों की सीटें खाली दिख रही थीं। उधर, सवाल उठाए गए कि जब मेयर- डेप्युटी मेयर के चुनाव में मोबाइल और पेन पोलिंग बूथ तक ले जाने की इजाजत नहीं थी, तो स्टैंडिंग कमेटी के चुनाव में क्यों ले जाने दिया और 47 वोट डाले जाने के बाद ही इस पर रोक क्यों लगाई गई? आप नेता संजय सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की।
रात 1.30 बजे
संजय सिंह ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय का आदेश है, उसका पालन होने दें। कोर्ट के आदेशों का पालन होने तक हमारे सभी पार्षद सदन में मौजूद रहेंगे। हमने इनका जुल्म झेला है। ये आप के सिपाही हैं। पार्षदों का जोश बढ़ाने के लिए संजय सिंह ने गाना गाया- रुके ना जो, झुके ना जो, हम वो इंकलाब हैं, जुल्म का जवाब हैं। तानाशाही पे दे झाड़ू… के नारे गूंजे।
रात 1.42 बजे
सदन की कार्यवाही फिर शुरू हुई। मेयर आसन पर पहुंचीं। मोदी मोदी शेम-शेम के नारे लगे। अडिशनल कमिश्नर रणबीर सहाय ने सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। बीजेपी के पार्षद वेल में आकर नारेबाजी करने लगे। जवाब में आप के पार्षद सीटों पर खड़े होकर ताली बजाते हुए नारेबाजी करने लगे। फिर से वोटिंग कराने की मांग पर भाजपा के पार्षद अड़ गए। रात 2 बजे तक सदन 4 बार स्थगित हो चुका था। इस बार एक घंटे के लिए स्थगित।आज सुबह 5 बजे
सदन की कार्यवाही एक घंटे के लिए स्थगित करनी पड़ी। आतिशी ने वीडियो ट्वीट कर कहा, ‘देखिए भाजपा की गुंडागर्दी का एक और नमूना: स्टैंडिंग कमिटी के चुनाव को रोकने के लिए भाजपा के पार्षदों ने बैलट बॉक्स को चुरा लिया! आखिर चुनाव से इतना क्यों डर रही है भाजपा।’आज सुबह 6 बजे
घंटेभर बाद सदन में फिर हंगामा शुरू हो गया। माइक तोड़े गए। पोलिंग बूथ भी तोड़ा गया। 13वीं बार भी नहीं हो सका स्थायी समिति के 6 सदस्यों का चुनाव। आप आगे वोट कराने तो बीजेपी शुरू से वोट कराने पर अड़ गई। दिल्ली नगर निगम में स्थायी समिति की चुनाव प्रक्रिया के बीच माइक तोड़ने के साथ ही महिला पार्षदों के बीच खींचतान देखी गई। AAP ने BJP के खिलाफ लगाए हाय-हाय के नारे लगाए। एक बार फिर घंटेभर के लिए सदन स्थगित हो गया।
स्थायी समिति का गणित
दरअसल, 7 पार्षद मैदान में थे। 4 आप के और 3 बीजेपी के। AAP चाहती थी कि उसके सभी पार्षद जीतें, बीजेपी यह नहीं चाहती। ऐसे में क्रॉस वोटिंग की पूरी आशंका बनी रही। तीन पार्षद भी भाजपा के सदस्य बन गए तो स्थायी समिति चेयरमैन बीजेपी का बनना तय माना जा रहा है।