टुडे गुजराती न्यूज (ऑनलाइन डेस्क)
हनुमान जी ऐसे देवता है जो अमर हैं। धरती पर जितने भी अवतार हुए हैं उनमें से हनुमानजी, दत्तात्रेय और परशुराम ही हैं जोकि अमर हैं। हनुमानजी को कलयुग का देवता भी कहा जाता है। कहते हैं कि बजरंग बलि अपने भक्तों की मुराद जल्दी सुनते हैं। यहीं कारण है कि करोड़ों की संख्या में लोग उन्हें पूजते हैं। वैसे तो बजरंग बलि की सभी मंदिरों में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है लेकिन, रीवा शहर के चिरहुला में स्थित भगवान बजरंगबली की इतनी मान्यता है कि हर मंगलवार और शनिवार को हजारों की संख्या में भक्तों की भीड़ यहां लगती है। ऐसी मान्यता है कि यहां भगवान की अदालत लगती है। हनुमानजी खुद यहां न्याय करते हैं।
यहां लगती है हनुमानजी की अदालत
रीवा स्थित चिरहुला मंदिर में लोगों की इतना आस्था है कि कुछ श्रद्धालु तो यहां सालों से हर शनिवार और मंगलवार हनुमानजी के दर्शन करने के लिए आ रहे हैं। कहा जाता है कि यहां हनुमानजी की अदालत लगती है। अदालत के जज खुद हनुमानजी ही हैं। मान्यताओं के अनुसार, इस मंदिर में बजरंगबली की स्थापना 500 वर्ष पहले की गई थी। कहा जाता है कि हनुमानजी की स्थापना चिरौल दास बाबा ने की थी। उन्हीं के नाम से मंदिर का नाम चिरहुला नाथ रखा गया। दरअसल, यह मंदिर चिरहुला तालाब के किनारे पर स्थापित है।
चिरहुला मंदिर में हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट
चिरहुला मंदिर को हनुमानजी की दिला अदालत कहा जाता है। वहीं, रामसागर मंदिर के पास हनुमानजी के मंदिर को हाईकोर्ट कहा जाता है। इस मंदिर से जैसे ही आगे की तरफ चलेंगे वहां हनुमानजी के मंदिर को सुप्रीम कोर्ट कहा जाता है। कहा जाता है कि जिन भक्तों के कष्टों का निवारण जिला न्यायालय से नहीं होता उनकी सुनवाई हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट में की जाती है। इसके बाद भक्त अपने संकट लेकर सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट पहुंचे हैं। मान्यताओं के अनुसार, यहां आने वाले हर एक श्रद्धालु की पीड़ा दूर हो जाती है। आपको बताते चले की यह तीनों मंदिर एक ही दिशा में स्थित हैं। चिरहुला मंदिर में जब भी किसी भक्त की मुराद पूरी होती है तो वह रामचरित मानस का पाठ और भंडारा कराते हैं।