टुडे गुजराती न्यूज (ऑनलाइन डेस्क)
सीमा पार से चलाए जा रहे आतंकवाद पर कार्रवाई करते हुए केन्द्र ने लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के दो प्रतिनिधि संगठनों पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके साथ ही पिछले चार दिनों में चार व्यक्तियों को आतंकवादी घोषित किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बार-बार इस बात पर जोर दिया है कि केन्द्र द्वारा आतंकवादी समूहों और आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई जा रही है।अल-कायदा के लिए काम करता था
4 जनवरी को गृह मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी किया था जिसमें कहा गया था कि एजाज अहमद अहंगर उर्फ अबू उस्मान अल-कश्मीरी, कश्मीर में पैदा हुआ आतंकवादी है। इसका अल-कायदा और अन्य वैश्विक आतंकवादी समूहों के साथ संपर्क है और यह भारत में इस्लामिक देश में बदलने की तैयारी कर रहा था। इसे आतंकवादी घोषित किया गया है। अफगानिस्तान में बैठा एजाज अहमद इस समय इस्लामिक स्टेट जम्मू और कश्मीर (ISJK) का प्रमुख नियोक्ताओं में से एक है।
एजाज अहमद का जन्म 1974 में श्रीनगर में हुआ था। यह पिछले दो दशकों से जम्मू कश्मीर का वांटेड आतंकवादी है जिसने कई आतंकवादी संगठनों के साथ मिलकर केन्द्र शासित प्रदेश में होने वाले कई आतंकी गतिविधियों की प्लानिंग की है। गृह मंत्रालय के अनुसार, एजाज अहमद कश्मीर में उग्रवाद को बढ़ावा देने की दिशा में काम कर रहा है और इसने कश्मीरी लोगों की पहचान करना शुरू कर दिया है जिसे अपने नेटवर्क में शामिल कर सकें। इसे भारत के लिए इस्लामिक स्टेट (IS) भर्ती सेल का प्रमुख नियुक्त किया गया था और इसने ऑनलाइन भारत-केंद्रित ISIS प्रचार पत्रिका शुरू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।द रेजिस्टेंस फ्रंट पर लगाया प्रतिबंध
5 जनवरी को गृह मंत्रालय ने पाकिस्तानी आतंकवादी समूह लश्कर-ए-तैयाब के एक प्रतिनिधि संगठन, द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) को प्रतिबंधित संगठन घोषित कर दिया। गृह मंत्रालय ने कहा कि टीआरएफ आतंकवादी गतिविधियों को आगे बढ़ाने, आतंकवादियों की भर्ती, आतंकवादियों की घुसपैठ और पाकिस्तान से जम्मू-कश्मीर में हथियारों और नशीले पदार्थों की तस्करी के लिए ऑनलाइन माध्यम से युवाओं की भर्ती कर रहा है। साल 2019 यह समूह प्रतिबंधित संगठन लश्कर के प्रतिनिधि के रूप में शुरू हुआ, इसका 26/11 के मुंबई आतंकवादी हमलों समेत कई आतंकी गतिविधियों में भागीदारी रही है।साथ ही टीआरएफ भारत सरकार के खिलाफ आतंकवादी संगठनों में शामिल होने के लिए जम्मू और कश्मीर के लोगों को उकसाने और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर मनोवैज्ञानिक अभियान चलाने का काम भी करता है। गृह मंत्रालय ने कहा कि टीआरएफ का कमांडर शेख सज्जाद गुल पहले ही गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम 1967 के तहत एक आतंकवादी घोषित किया जा चुका है। टीआरएफ के सदस्यों और सहयोगियों के खिलाफ काफी सारे मामले भी दर्ज किए गए हैं।