टुडे गुजराती न्यूज (ऑनलाइन डेस्क)
कुछ दिन पहले एयर इंडिया की न्यूयॉर्क से दिल्ली आ रही एक फ्लाइट में नशे में धुत शख्स का महिला यात्री पर पेशाब करने का मामला सामने आया. इस मामले में बताया गया कि वो शख्स काफी देर तक महिला को अपना प्राइवेट पार्ट भी दिखाता रहा. इस बीच ऐसा ही एक और मामला सामने आया है. पेरिस से दिल्ली आ रही एक फ्लाइट में एक पुरुष यात्री ने महिला यात्री के कंबल पर पेशाब कर दिया.
इन दोनों ही मामलों में क्रू मेंबर्स को शिकायत किए जाने के बावजूद गंदी हरकतें करने वालों के खिलाफ कोई सख्त कदम नहीं उठाया गया. हालांकि, जब ये मामले सुर्खियों में आए, तो इन आरोपियों पर कार्रवाई के लिए कदम उठाए जाने लगे. एयर इंडिया ने फ्लाइट में महिला यात्री पर नशे में धुत शख्स के पेशाब करने के मामले पर फिलहाल आरोपी यात्री पर 30 दिनों का प्रतिबंध लगा दिया है.
आसान शब्दों में कहें, तो उस शख्स को नो फ्लाई लिस्ट में डाल दिया गया है. अब वो शख्स कम से कम 30 दिनों तक कोई हवाई यात्रा नहीं कर पाएगा. आइए जानते हैं क्या होती है नो फ्लाई लिस्ट? इसके खिलाफ कहां की जाती है अपील? इससे जुड़े हर सवाल के जवाब…
क्या होती है नो फ्लाई लिस्ट?
2017 में केंद्र सरकार ने नो फ्लाई लिस्ट के लिए गाइडलाइंस जारी की थीं. फ्लाइट स्टैंडर्ड्स के मुताबिक अनुचित व्यवहार करने वाले यात्रियों को नियंत्रित करने के लिए नो फ्लाई लिस्ट का इस्तेमाल किया जाता है. वो यात्री, जो शारीरिक, मौखिक या किसी अन्य आपत्तिजनक व्यवहार के चलते हवाई यात्रा के दौरान सहयात्रियों को परेशान करते हैं या यात्रा में रुकावट पैदा करने की कोशिश करते हैं, उन्हें नो फ्लाई लिस्ट में डाल दिया जाता है.
कैसे होती है कार्रवाई?
किसी को नो फ्लाई लिस्ट में डालने के लिए नियम के मुताबिक, अनुचित व्यवहार की शिकायत होनी चाहिए. जिसकी जांच के लिए एयरलाइन एक कमेटी बनाएगी. जांच के दौरान एयरलाइन यात्री पर प्रतिबंध लगा सकती है और 30 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट देनी होती है. अनुचित व्यवहार को तीन स्तरों पर देखा जाता है. पहले स्तर पर मौखिक अनुचित व्यवहार के लिए तीन महीनों तक प्रतिबंध लग सकता है. दूसरे स्तर के शारीरिक अनुचित व्यवहार के लिए 6 महीने तक का प्रतिबंध लग सकता है. तीसरे स्तर में जानलेवा धमकी वाले व्यवहार के लिए कम से कम दो साल के लिए नो फ्लाई लिस्ट में डाला जा सकता है.
इस लिस्ट में आने पर क्या होता है?
नो फ्लाई लिस्ट में नाम जुड़ने पर यात्री के हवाई यात्रा करने पर प्रतिबंध लग जाता है. नियमों के अनुसार, यात्री पर ये प्रतिबंध कुछ दिनों से लेकर अनिश्चित समय तक के लिए लगाया जा सकता है. कार्रवाई के तहत यात्रियों पर अनिश्चित समय के लिए भी प्रतिबंध लगाया जा सकता है. केंद्र सरकार के नागर विमानन मंत्रालय के अंतर्गत आने वाली नागरिक उड्डयन महानिदेशालय यानी डीजीसीए नो फ्लाई लिस्ट का रखरखाव करती है. डीजीसीए ने अनुचित व्यवहार को अपराध और दंडनीय कार्य माना है.
इसके खिलाफ कहां की जाती है अपील?
नो फ्लाई लिस्ट में डाला गया यात्री प्रतिबंध लगने के 60 दिनों के अंदर इसके खिलाफ अपील कर सकता है. नागर विमानन मंत्रालय की ओर से बनाई गई कमेटी के सामने ये अपील की जा सकती है. इस कमेटी में हाईकोर्ट के रिटायर जज, यात्रियों की एसोशिएसन के प्रतिनिधि और एयरलाइंस के प्रतिनिधि शामिल होते हैं. इस कमेटी की निर्णय ही आखिरी होता है. जिसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की जा सकती है.